एक मासूम पिता जिसने अपने बेटे को ढूढ़ने के लिए हर प्रयास किया लेकिन हमेशा एक नाकामयाबी हासिल हुई | जिसको लेकर उस पिता ने न्यायालय का सहारा लिया जिसके बाद लापता बेटे के पिता को उम्मीद की एक किरण नज़र आ रही है | आपको बता दे की नोएडा के सेक्टर 15 से 17 अक्तूबर 2013 को संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए साफ्टवेयर इंजीनियर अभिनव मित्तल को सीबीआई खोजेगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने केस की जांच नोएडा पुलिस की जगह सीबीआई को सौंप दी है। अभिनव के परिजनों ने उसकी हत्या कर शव ठिकाने लगाने की आशंका जताई है।
क्या है पूरा मामला
17 अक्तूबर 2013 की रात 8:15 बजे के बाद अभिनव घर से लापता हो गया उसके बाद से आज तक उसका कोई सुराग नहीं है। उसका पैन ड्राइव और मोबाइल घर पर ही रखा हुआ था। परिजनों ने उसकी पत्नी पर भी उसके लापता होने में शक जताया था। 18 अक्तूबर को सेक्टर-20 थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज हुई। चार साल की जांच के बाद नोएडा पुलिस अभिनव का कुछ पता नहीं लगा पाई है।
घरवालों को था अभिनव की पत्नी पर शक
अभिनव के परिजनों का आरोप है कि अभिनव और उसकी पत्नी ज्योति में मनमुटाव था। ज्योति वर्ष 2009 से 2011 तक राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति में डोपिंग मैनेजर थी। उसके वरिष्ठ मुनीश चंद्र डोपिंग विशेषज्ञ थे। दोनों में दोस्ती थी। गुमशुदगी वाले दिन जहां आखिरी बार अभिनव को उसी तल पर देखा गया जहां उसकी पत्नी मौजूद थी, लेकिन उसे नहीं पता उसका पति कब घर से चला गया। गुमशुदगी के अगले दिन ज्योति मुनीश चंद्र के साथ पति को तलाशने घर से निकलने के पांच घंटे बाद वापस आई थी। परिजनों का आरोप है कि लापता होने में पत्नी का हाथ हो सकता है | ज्योति और मुनीश एकसाथ बैंकाक भी घूमने गए थे। उन्हें शक है कि उनके पुत्र के लापता होने में ज्योति का हाथ है। अभिनव के लापता होने के एक माह बाद ज्योति मायके चली गई थी।