PROBLEMS AND SOLUTIONS FOR RAIN – STORM WATER PROBLEMS IN NOIDA

विषय:- बारिश के दिनों में सड़को पर पानी की समस्या ।

हमारे देश के अधिकांश शहरों और कसबो में बारिश के दिनों में जल भराव की बड़ी समस्या है। जिनके लिए हम लोग स्वयं ही अधिक जिम्मेदार है। इस समस्या पर हम लोग अपनी आदतों को बदलकर, न केवल, बहुत हद तक नियंत्रण पा सकते हैं बल्कि देश का पैसा बर्बादी से बचा सकते है। संक्षेप में समस्या, सुझाव और उनके फायदे निम्न है।

(अ) समस्या:-
सभी शहरों और कस्बो की सड़को के दोनों तरफ मकान या फैक्ट्रियां आदि होतीं हैं और उनके आगे बारिश का पानी निकलने के लिए प्राधिकरणों द्वारा बनाई गई नालियां होती हैं। इन संपत्तियों को प्रयोग करने वाले 90% लोग अपनी संपत्तियों के आगे ऊंचा करके पानी का ढाल सड़क पर कर देते हैं रिहायशी क्षेत्र में तो लोग अतिक्रमण करके सड़क पर हरियाली के नाम पर हैज लगा लेते हैं जिससे वारिश के दिनों में बारिश का पानी नालियों में न जाकर सड़क पर भर जाता है। पानी से भरी सड़को पर जब वाहन चलते है तो सड़क शीघ्र टूट जाती हैं। टूटी सड़को को प्राधिकरण पुनः बना जाता है। अगले साल की एक-दो बारिश में, फिर सड़के टूट जाती है और फिर प्राधिकरण बना जाता है। ये शिलशिला चलता रहता है। इससे निम्न नुकशान हैं:-
1. बार-बार सड़कें टूटने से लोगों को परेशानी तो होती ही है साथ ही जल्दी-जल्दी सड़कें बनने से सरकारी पैसे की बर्बादी होती है।
2. बार-बार सड़कें बनने से, सड़कें ऊंची होती चली जाती हैं और लोगों के घर नीचे हो जाते है जिससे घरों की उम्र कम हो जाती है।
3. घरों की उम्र कम होने से, उनको उम्र से पहले ही तोड़ना पड़ता है और दोबारा बनाया जाता है जिससे प्रकृति का दोहन जल्दी होता है। इसका सीधा प्रभाव हमारी आने वाली पीढ़ियों पर पड़ता है।
4.टूटी सड़को को दोबारा बनाते रहने से प्राधिकरणों की सोच भी सीमित ही रहती इससे अन्य विकास कार्यो की तरफ न तो ध्यान जाता है और न ही पैसा बचता है।

असल में कोई भी प्राधिकरण इस समस्या का स्थायी समाधान चाहता ही नहीं है, क्योकि यह प्राधिकरणों में लूट का एक साधन बना हुआ है। जितनी जल्दी सड़कें टूटेगीं उतनी जल्दी लोगो की शिकायत पर प्राधिकरण उन्हें बनाएगा। जल्दी जल्दी ठेके होने पर ठेकेदारों और प्राधिकरण अधिकारियों की चांदी काटती रहती है। शहर का विकास वहीं घूमता रहता है। कोई आगे की सोचने की जरूरत महसूस ही नही करता। ये सब उच्च न्यायालय के आदेश के बाबजूद भी सुचारू रूप से जारी है

(ब) सुझाव:-
सर "छोटा मुँह बड़ी बात", मैं आपको सुझाव न देकर प्रार्थना कर रहा हूँ कि आप देशवासियों से ऐसी अपील करने की कृपा करें जिससे कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्तियों के आगे मिट्टी का भराव करके बारिश का पानी सड़क की तरफ न करे और शहरी लोग अपने घरों के आगे हरियाली की आड़ में, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बंद कर बारिश का पानी नालियों में जाने दें।

इसी के साथ जो लोग हरियाली के नाम पर ऐसा अतिक्रमण करते है उनसे अपील की जा सकती है कि वो पेड़ पौधों के प्रति अपने प्रेम को और बढ़ाते हुए अधिकाधिक मिट्टी के गमलों का प्रयोग करें।

(स) लाभ:-
उपरोक्त अतिक्रमण हटाने और मिट्टी के गमलों में हरियाली बढ़ाने के निम्न फायदे होंगे।
1. उक्त अतिक्रमण के न होने पर बारिश का पानी सड़क पर नही भरेगा जिससे सड़क की उम्र करीब चार गुनी बढ़ जाएगी।
2. जल्दी-जल्दी सड़कें न बनने से सड़क लंबे समय तक घरों से नीची ही रहेगी। इससे घरों की उम्र में काफी इजाफा होगा।
3. जल्दी जल्दी सड़कें न बनने पर सड़को में व्यर्थ लगने वाले पैसे को अन्य विकास कार्यो में लगाया जा सकता है।
4. इसी क्रम में प्रकृति का दोहन कम होगा और हमारी भविष्य की पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संपदा ज्यादा समय तक बची रहेगी।
5. गमलों में हरियाली के प्रोत्साहन से, हमारे मिट्टी के बर्तन बनाने वाले इंजीनियरों को काम मिल सकेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा । उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार से उनके घरों से आने वाली पीढ़ी शैकक्षिक होगी।
6.घरों के गमलों में लगाए गए तुलसी, गिलोय और एलोवेरा आदि के पौधे न केवल आक्सीजन देंगे बल्कि घरों में रोग प्रतिरोधकता का काम भी करेंगे।

अधिक लिखने के लिए क्षमा चाहता हूं। "जयहिंद"

आपका अपना:-
रामवीर शर्मा (अधिवक्ता)
संस्थापक अध्यक्ष RWA
सेक्टर-108,
नोएडा