नोएडा। सेक्टर- 93 ए में निर्माणधीन सुपरटेक इमेराल्ड टावरों पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सुपरटेक बिल्डर को आदेश दिया कि वह 18 सितंबर तक 10 करोड़ रुपये रजिस्ट्री मे जमा कराएं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस पैसे से निवेशकों का पैसा वापस किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सेक्टर- 93 ए में सुपरटेक बिल्डर के कई फ्लैट्स हैं और बिल्डर ने यहां एक नया प्रोजेक्ट इमेराल्ड का निर्माण कार्य शुरु किया था। जिसमें 40 मंजिला दो टावरों का निर्माण किया गया है। हालांकि वहां मौजूद बाकि सोसायटी वालों ने इस प्रोजेक्ट को आवैध बताते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इस याचिका में बताया गया था कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण से यहां रहने वाले लोगों को दिक्कतें होंगी क्योंकि यहां निर्माण नियमों के मुताबिक नहीं किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में फ्लैटों के बीच के स्पेस का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए बिल्डर को बड़ा झटका देते हुए इन दोनों टावरों को गिराने के आदेश दिए थे।
जिसके बाद बिल्डर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के टावर को गिराने के फैसले पर रोक लगा दी थी और 14 फीसदी ब्याज के साथ खरीदारों को रकम वापस करने के लिए कहा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन निरिक्षण करने के आदेश दिए थे कि वह बताएं कि टावरों का निर्माण नियमों के मुताबिक है या नहीं। जिसके बाद एनबीसीसी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी जिसमें बताया गया कि टावरों में नियम के मुताबिक दूरी का ध्यान नहीं रखा गया है।