जिला अस्पताल में 22 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हुई है। वहीं, डेंगू के 45 नए संदिग्ध रोगी मिले हैं। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में डेंगू के संदिग्ध रोगियों के रक्त के नमूनों की जांच की जा रही है । वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. रेनू अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार को 400 मरीजों की ओपीडी हुई थी । इनमें से 70 फीसदी रोगी बुखार से पीड़ित थे। ओपीडी में बुखार के रोगियों की संख्या बढ़ी है।
साथ ही पैथोलॉजिस्ट डॉ.एचएम लवानिया ने बताया कि डेंगू के एक हफ्ते में 45 संदिग्ध रोगियों के रक्त के नमूने जांच के लिए आए हैं। जिसको आज एलाइज किट से नमूनों की जांच की जा रही है । उन्होंने बताया कि एक माह में मलेरिया के 841 रोगियों के रक्त के नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 22 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
वहीं, सेक्टर-24 स्थित ईएसआई अस्पताल में भी ओपीडी में इन दिनों 1600-1700 मरीजों की हो रही है। चिकित्सा निदेशिका डॉ. नीलिमा ने बताया कि फिजीशियन की ओपीडी में 200-250 रोगी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें से 80 फीसदी रोगी बुखार से पीड़ित हैं। यही हाल बच्चों की ओपीडी का भी है। निजी अस्पताल में भी बुखार पीड़ित मरीजों की फिजीशियन और इमरजेंसी में संख्या अधिक है। दूसरी तरफ, निजी अस्पताल और लैब भी मरीजों में डेंगू की पुष्टि कर रही हैं।
हालांकि, जिला अस्पताल की ओर से की गई जांच में किसी भी रोगी में डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है। बुखार के मरीज बढ़े अस्पतालों में वायरल बुखार, टायफाइड, डायरिया, मलेरिया और चिकुनगुनिया व डेंगू संदिग्ध रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल में शुक्रवार को 3000 रोगी इलाज के लिए पहुंचे थे । इनमें नए मरीजों की संख्या 2200 के करीब थी।
स्कूल और कॉलेज सहित सभी संस्थानों में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर एक सप्ताह छुट्टी देने के निर्देश प्रदेश सरकार ने दिए हैं। इसके लिए सीएमओ ने सभी संस्थानों को पत्र भेजने शुरू कर दिए हैं। स्वाइन फ्लू का प्रभाव बढ़ने के कारण यह निर्णय लिया गया है। जनपद में अब तक 54 स्वाइन फ्लू के मरीजों की पुष्टि की जा चुकी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुराग भार्गव ने बताया कि बीमारी के लक्षण मिलने पर डॉक्टर से परामर्श लें, जांच में पुष्टि होने पर कम से कम 7 दिन तक घर पर रहें। गंभीर स्थिति पर अस्पतालों में भर्ती होकर इलाज कराएं।