नॉएडा : एक निजी अस्पताल के बहार मुर्तक के परिजनों ने जमकर किया हंगामा , और अस्पताल प्रशासन पर लगाए लापरवाही के गम्भीरं आरोप ,. परिजनों का कहना था अस्पताल प्रशासन ने कहा कि पहले पैसे जमा कराओ , फिर डेडबॉडी मिलेगी।
मामला सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस अस्पताल का है , एक मरीज के इलाज के दौरान मौत हो गयी ,जैसे ही मौत की खबर परिजनों को लगी तो अस्पताल के बहार हंगामा करने लगे और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाने लगे , हंगामे की सुचना पाकर पुलिस ने मोके पर पहुंचकर मामले को शांत कराया ,
वही परिजनों का कहना है आकाश शर्मा ने बताया कि बुलंदशहर के कोटा गांव निवासी उनके रिश्तेदार अरविंद शर्मा (38 वर्ष) नौ सितंबर की रात को गाजियाबाद के लाल कुआं में दुर्घटना की वजह से घायल हो गए थे।हादसे के बाद अरविंद को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती कर लिया। आकाश ने बताया कि 17 सितंबर तक इलाज के लिए अस्पताल में 6.50 लाख रुपये जमा कर चुके थे। इसके बाद भी 17 सितंबर की रात में 80 हजार रुपये और जमा करने के लिए फोन आया। फोन पर बताया गया कि मरीज की दवा अब तभी शुरू की जाएगी, जब पैसे जमा हो जाएंगे। जैसे-तैसे 80 हजार रुपये और जमा किए। 18 सितंबर की रात में अरविंद की मौत हो गई। इसके बाद बुधवार को 1.88 लाख रुपये की और मांग करते हुए अस्पताल ने शव देने से इनकार कर दिया। हंगामे के बाद अस्पताल प्रशासन शव देने को तो राजी हो गया लेकिन कागजात रोक लिए।
उधर फोर्टिस अस्पताल प्रबधन ने कहाँ कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। उनके पैर बुरी तरह से कुचल गए थे। मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया था। 18 सितंबर की रात 11.45 बजे मरीज की सेप्टिक शॉक की वजह से मौत हो गई। डॉक्टरों ने मरीज को बचाने की पूरी कोशिश की थी। मेडिकोलीगल केस होने के कारण पुलिस प्रक्रिया से शव दिया जाता है। परिजनों का आरोप गलत है।