आलेख – चन्द्रपाल प्रजापति नोएडा
नोटबन्दी के ऐतिहासिक फैसले से पूरे देश मे माहौल गर्म है। जहाँ आम जनमानस धैर्यपूर्वक परेशानी झेलने के बाद भी समर्थन मे खड़ा है। वहीं राहुल गाँधी, अरविन्द केजरीवाल, मुलायम, लालू यादव, मायवती, ममता सहित सभी विपक्षी लोग तिलमिलाहट मे हैं। और पुरजोर से विरोध कर रहें हैं। ये सभी लोग नोटबन्द किये जाने से एक दिन पहले तक कालेधन पर कार्यवाही की मांग कर रहे थे। जब नोटबन्दी के माध्यम से कालेधन पर कार्यवाही कर दी तो परेशान हैं। इससे तो ऐसा लगता है कि इन सभी लोगो का कालाधन मिटटी मे मिल गया हो। इस नोटबन्दी से आतंकवादियों, अलगाववादियों, नक्सलियों, हवाला कारोबारियों, भ्रष्टाचारियों नकेल कसी है। फिर भी सरकार के इस फैसले का विरोध कहीं देशद्रोह तो नही है। ये लोग आम जनता को बहकाकर अशांति फैलाना चाहते हैं जिससे सरकार मजबूरी मे ये नोटबन्दी का फैसला वापस लेले। पर जनता इन लोगो की चाल को भांप चुकी है। वह हर परेशानी को झेलने के बाद भी सरकार के इस फैसले के पक्ष मे है। ग्लोबल मार्केट रिसर्च कम्पनी IPSOS के सर्वे के अनुसार 82% लोग इस फैसले के पक्ष मे हैं और केवल 18% लोग ही खिलाफ हैं। जो सरकार के इस फैसले के पक्ष मे बहुत बड़ा फैसला है और सरकार को मजबूती प्रदान करता है।