मोदी सरकार के नोटबंदी फैसले से आम जन जीवन तबाह हो रहा है गंगेश्वर दत्त शर्मा
नोएडा जन जीवन में तबाही ला रहे नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ माक्र्सवादी कम्नुनिष्ठ पार्टी एवं वामपंथी पार्टियों के देशव्यापी विरोध प्रर्दशन के आहावान के तहत सोमवार 28.11.2016 को सीपीआई (एम) पार्टी नोएडा के कार्यकर्ता ने पार्टी सचिव एवं नोएडा विधान सभा से प्रत्याशी गंगेश्वर दत्त शर्मा के नेतृत्व में बाॅसबल्ली मार्किट सैक्टर-8,9,10 तिराहे नोएडा से विरोध मार्च निकाला और हरौला लेवर चैक पर मोदी सरकार के पुतले के साथ विरोध प्रदर्शन किया प्रधानमंत्री के पुतला दहन करते हुए ववत नोएडा पुलिस के साथ माकपा कार्यकर्ता की जोरदार झड़प हुई प्रर्दशन कारियों को सम्बोधित करते हुए माकपा जिला सचिव गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि बीजेपी-नीत केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद करने की घोषणा के दो हफ्ते बाद भी लोगों की परेशानियाँ कम नहीं हुई है। कारोबार ठप्प, बाजार बंद, फसलों की बुआई-कटाई बंद, होटल बंद, सब्जी मंडी में हजारों टन सब्जी सड़ गई। घरों व दुकानों पर काम करने वाले मजदूरों, दैनिक या साप्ताहिक दिहाड़ी करने वाले मजदूरों, कारीगरों, ठेका मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को काम नही मिल रहा है तथा उन्हें वेतन नहीं मिल पा रहा है। वे लाईन में लग कर नोट बदलवाएं या दिहाड़ी करें। भवन निर्माण का काम ठप्प है एक अनुमान के मुताबिक नोटंबंदी की घोषणा के बाद 2 दिनों में देश को 52 हजार करोड़ रूपये का नुकासान हुआ है। कुल मिला कर इस पूँजीपति परस्त जन विरोधी फरमान के कारण अब तक 90 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। लाखों मजदूर छंटनी और तालाबन्दी का शिकार हो गये हैं। नोएडा गौतमबुद्धनगर दिल्ली से मजदूर निरंतर पलायन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट को भी कहना पड़ा कि दंगे के हालात पैदा हो सकते हैं।
क्या काला धन आम लोगों के पास है जो उन्हें इस परेशानी में झोंक दिया गया? देश का 94 प्रतिशत काला धन विदेशों में जमा है बाकी बचा 6 प्रतिशत काला धन जो देश में मौजूद है उसका 6ः -7ः प्रतिशत हिस्सा की कैश मंे है। विदेशों में जमा कालेधन का ब्यौरा सरकार के पास होते हुए भी उस पर कोई कार्यवाही नहंी हो रही है। नोटबंदी से आतंकवाद की फंडिंग कैसे रूक जाएगी इसका कोई जवाब नहीं है। रिजर्व बैंक की 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जारी कुल करेंसी का अति नगन्य हिस्सा, मात्र 0.0007 प्रतिशत ही जाली नोट हैं। इसे निकालने के लिये लाखों करोड़ों का खर्च और इतनी मौंते? जनता जवाब मांग रही है और सरकार सवाल पूछने वालों को देशद्रोही करार दे रही है। 86ः करेंसी 500 और 1000 के नोट के रूप में थी। इसकी भरपाई के ठोस कदम उठाए बिना ही सरकार ने नोटबंदी लागू कर दी। दो हफ्ते बाद भी बंद की गई करेंसी के 10 प्रतिशत के बराबर के नए नोट भी बैंको में नहीं पहुँच सके हैं। भारत में करोड़ों लोगों को रोजमर्रा की मूलभूत जरूरतों के लिए भी नगदी उपलब्ध नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा वामपंथी पार्टियाॅ मांग करती है कि (1) देशी-विदेशी बहुराष्ट्रीय पँूजी के हित में लिए गए नोटबंदी के जन विरोधी फैसले को तुरंत वापस ले कर 1000 और 500 के नोट तब तक जारी रखे जायें जब तक कि उचित मात्रा में नए नोटों की उपलब्धता को सुनिश्चित नहीं कर दिया जाता है। (2) किसानों के कर्जे तुरंत माफ किया जायें। (3) बैंकों में 11 लाख करोड़ रूपये के एन.पी.ए. (बट्टे खातें में डाली गई रकम) को वसूलने के लिये देनदारों की सम्पत्तियों को तुरंत जब्त किया जाये। (4) नोटबंदी की वजह से जिनकी मौत हो गई है उनके परिजनों को और जिनकी आजीविका छिन गई है उनको उचित मुआवजा दिया जाये।
विरोध प्रर्दशन को पार्टी नेता आशा यादव, भरत डेन्ज्र, मदन प्रसाद, राम स्वारथ राजभर, पिंकी, वसन्ती देवी, हरकिशन, भीखू प्रसाद, तेजवीर सिंह, रोशन लाल, दिनेश राणा, अन्शू, दिनेश, पपन डांसर, यतेन्द्र, रवीन्द्र भारती, विजय गुप्ता, गामा, दया शंकर झा, महेन्द्र, ललित काशव, परवेज आदि ने सम्बोधित किया।