नोएडा एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है , जो फ़र्ज़ी कागजात तैयार करके तमाम बैंकों से क्रेडिट कार्ड जारी कराकर खरीदारी समेत पैसा निकालते थे | साथ ही इस मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है |
वही नोएडा एसटीएफ ने इनके पास से विभिन्न बैंकों के 36 क्रेडिट कार्ड/ डेबिट कार्ड, 8 आधार कार्ड, 7 पासबुक,8 मोबाइल,विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्ड जारी करने के 41 ख़ाली/ भरे ओरिज़िनल फ़ार्म,सिटी बैंक के 8 कूटरचित क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट, विभिन्न बैंकों द्वारा जारी 16 क्रेडिट कार्ड की फ़ोटो कापी,फ़िलिप्स इंडिया लिमिटेड की 3 फ़र्ज़ी pay स्लिप, एक लैपटाप मय प्रिंटर, लैपटाप मे हज़ारों की संख्या में KYC की soft copy और adobe photo shop सॉफ्टवेयर, विभिन्न व्यक्तियों से सम्बंधित अभिलेखों की कापी बरामद की है ।
साथ ही इस मामले में एसटीएफ के अधिकारीयों का कहना है की यूपी एसटीफ की नोएडा यूनिट को फ़र्ज़ी काग़ज़ात पर विभिन्न बैंको से क्रेडिट कार्ड जारी कराकर कई बैंकों से पैसा निकालने वाले गैंग के सरगना सहित 3 लोगों गिरफ़्तार करने मे सफलता प्राप्त की है ।
इन आरोपियों को थाना 24 में पंजीकृत मुक़दमा 148/19 धारा 420/467/468/471 आईपीसी में दाख़िल किया गया है । इस मुक़दमे के वादी के फ़र्ज़ी आधार का इस्तेमाल कर क्रेडिट कार्ड जारी कराया था और 5 लाख रुपये निकाले गये थे।
वही उन्होंने बताया की जाँच के दौरान इस मुक़दमे के सीधे साक्ष्य बरामद हुए है।गिरफ़्तार गैंग का सरगना भुपेंद्र, उत्तम नगर, नई दिल्ली कई मोबाइल कंपनियों और कई बैंकों के वेंडर के साथ काम कर चुका है । इसका मुख्य काम कस्टमर से काग़ज़ात लाना होता था। गिरफ़्तार दूसरा अभियुक्त तीरथ, मंगोलपुरी, नई दिल्ली मे टीवीएस शोरूम मे सेल्स मैनेजर के पद पर काम करता है और भुपेंद्र को केवाईसी से सम्बंधित काग़ज़ात उपलब्ध कराता है। गिरफ़्तार तीसरा अभियुक्त चंद्रप्रकाश, रोहिणी नई दिल्ली ,एक वेंडर कम्पनी जो बैंकों के लिए जोब वर्क करती है, मे काम करता है और चंद्र प्रकाश विभिन्न बैंकों के लिए मौक़े पर जाकर क्रेडिट कार्ड लेने वाले कस्टमर को और उसके काग़ज़ात को घर जाकर सत्यापित करता है जिसके बाद क्रेडिट कार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू होती है।
क्रेडिट कार्ड मिलते ही ये गैंग कार्ड की लिमिट को EOD-POS मशीन मे स्वैप कर लेते थे इस काम मे कुछ वेंडर कमीशन लेकर स्वैप कराते थे।कार्ड की लिमिट ख़त्म होते ही कार्ड तोड़ कर फेंक देते थे।इंटरोगेशन के दौरान पता चला है की इस गैंग ने पिछले 3 साल मे विभिन्न बैंकों से 1000 से ज़्यादा फ़र्ज़ी काँग़ज़ों आधरित क्रेडिट कार्ड जारी कराकर बैंकों से लगभग 10 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी कर चुके है।