नोएडा @ 43 – समाजसेवी एवं सामाजिक संस्थाओंका योगदान

विवेक श्रीवास्तव

नोएडा -NOIDA (New okhla Indusrtial devlopment authority) उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्धनगर का एक महत्वपुर्ण नगर ,दिल्ली से सटा हुआ नगर, देश विदेश में अपनी पहचान बना चुका ये स्मार्ट सिटी ,

प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला नगर ।
"करीब 12 साल पहले जब अपने घर लखीमपुर से यहाँ आया तो रह रह के यही ख्याल आता था कि बस अगले साल तक वापस चला जाऊंगा" , लेकिन यहाँ की आधुनिकता , गगन चुम्बी इमारतें, आईटी कंपनी , बीपीओ, केपीओ, एक्सपोर्ट हाउसेस , अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं, सड़कें, माल कल्चर , बेहतरीन स्कूल, कॉलेज ,टेक्नोलॉजी,विकास की गति जहाँ एक ओर विदेश में रहने का एहसास दिलाते है वही यहाँ सामाजिक सरोकार, सामाजिक गतिविधि नगर के एक एक आदमी को ऐसे जोड़े हुए कि किसी एक छोटे से नगर का एहसास दिलाते है, किसी भी त्यौहार या किसी आयेजन को सामजिक संस्थाओ द्वारा मिल जुल के ऐसे मनाया जाता है जैसे मानिए किसी छोटे से गाँव में पुरा गाँव एकजुट हो जाता है,
इतना प्यार इतना अपनापन इस तरह के अत्याधुनिक शहर में तो आप को बिलकुल भी देखने को नहीं मिलेगा ।
किसी विषम परिस्थिति में भी सब एक जुट होकर ऐसे आगे आगे आते है कि जैसे सब एक ही घर से एक साथ निकले हो,
ऐसा जज्बा अपनेपन का इस नगर में की "अब लगने लगा है थोड़ा और रुक जाते हैं"
जब यही रुकने का सोचा तो अपने तराई लखीमपुर क्षेत्र के साथियों को भी यहाँ एक जुट करना था मेरे जैसे और भी बहुत से साथी है उन्हें भी यहाँ अपनेपन का एहसास कराना था तो "तराई वेलफ़ेयर एसो." का भी गठन हो गया।

सामाजिक कार्यो के ऐसे ऐसे उदहारण है यहाँ के कि सब कुछ लिख पाना संभव नहीं है ,
नगर के समाज सेवियों की यदि लिस्ट भी यहाँ शुरू करूँ तो बहुत लंबी लिस्ट हो जायेगी,
नोएडा की एक ऐसी आवाज जो अधिकतर मंच से आप को सुनने को मिल जायेगी, नगर को एक सांस्कृतिक नगर धरोहर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, सांस्कृतिक आयोजन चाहे गायक रफ़ी जी की याद में हो या गायक किशोर कुमार, मुकेश जी , या फिर "जो आये वो गाये" का नया कॉन्सेप्ट हो या फिर दिवाकर , श्रेया बासु और न जाने कितनी छुपी हुई प्रतिभाओं को रास्ट्रीय स्तर तक पहचान दिलाने वाले नवरतन फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री अशोक श्रीवास्तव जी और मुझे गर्व है मै भी संस्था से जुड़ा हूँ

वही दूसरी ओर आर्थिक रूप से कमजोर जनता का भी ध्यान रखते हुई नगर में रोज 5 रूपये में देशी घी का बना खाना खिलाने वाले दादी की रसोई-श्री अनूप खन्ना जी , रोज करीब 300 लोग इसका लाभ प्राप्त करते है, इसी क्रम में श्री राजन श्रीवास्तव जी भी मात्र 5 रुपय में ही रोजाना 500 लोगो को खाना खिला रहे हैं, इनके द्वारा समाज हित में ऐसे बहुत से काम चुप चाप करते रहते है, पिछले कुछ सालों में इन्होंने समाज सेवा की एक नयी मिसाल कायम की है

श्री विनीत चौधरी हो, श्री विपन मल्हन जी , ज्योति सक्सेना जी,शहीद भगत सिंह सेना, नोएडा लोक मंच के श्री महेश सक्सेना जी , ऋतू सिन्हा जी आदि आदि ऐसी सैकड़ो की लिस्ट है जमीनी स्तर के समाज सेवियों की इस स्मार्ट सिटी में।

तो इस तरह के अनोखे स्मार्ट सिटी जहाँ ऐसा समावेश ऐसा संगम हो कि आधुनिकता-संस्कृति -सांस्कृतिक-सामाजिकता-संस्कार किसी भी चीज की कोई कमी नहीं लगे…………………….तो फिर थोड़े दिन और रुक ही जाते हैं।