Noida (25/0419) : दिल्ली एनसीआर में लगातार तापमान बढ़ता ही जा रहा है , जिससे कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है | वही चढ़ते पारे के बीच गर्म हवा से बचने की हर कोई कोशिश कर रह है। आज भी तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार है । वही विशेषज्ञों का मानना है कि अब लू लगने का खतरा बढ़ गया है , साथ ही अगले 8-10 दिन गर्मी ऐसे ही परेशान करती रहेगी। इस बीच कल से 29 अप्रैल तक आंधी की संभावना बनी हुई है।
बता दे की पिछले दो महीने से तापमान काफी कम था। ऐसा माना जा रहा था मई से पहले गर्मी ज्यादा परेशान नहीं करेगी , लेकिन अब पिछले साल जैसा ही गर्मी का स्तर बन गया है। फिलहाल बारिश के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
सुबह से ही चिलचिलाती धूप ने असर दिखाना शुरू कर दिया था। दोपहर के वक्त तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। इसकी वजह से और भी ज्यादा गर्मी का अहसास बना रहा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 29 अप्रैल तक तापमान इसी स्तर पर रहेगा और गर्मी हर रोज लोगों का पसीना निकालेगी। ऐसे में हीट स्ट्रोक व डायरिया का खतरा बना रहेगा। पिछले साल भी 24-25 अप्रैल को तापमान 40-41 के बीच ही था। गर्मी की वजह से सड़कों पर दिन में ट्रैफिक काफी कम नजर आया। बाजार में भी भीड़ काफी कम रही। वही इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने भयंकर गर्मी और दोपहर के समय चल रही गर्म हवाओं से बचने की सलाह दी है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश जारी करने के साथ ही रेपिड रेस्पांस टीम का गठन कर दिया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुराग भार्गव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। विभाग ने कार्ययोजना बना ली है , अलग-अलग विभागों का सहयोग भी लिया जा रहा है। मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में गर्मी संबंधी रोगों के उपचार के लिए जरूरी दवा व आईवी फ्लूड्स उपलब्ध करा दिये गए हैं। 13 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पताल, ईएसआईसी अस्पताल, राजकीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, नव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस कॉर्नर बनाए जाएंगे।
प्रत्येक सरकारी चिकित्सालय में ओआरएस पाउडर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दिया गया है। सभी मजदूरों के लिए मजदूरी वाले कार्य स्थलों पर स्वच्छ व ठंडे पानी की व्यवस्था की जाएगी। श्रमिक संस्थाओं से कहा गया है कि वे श्रमिकों के लिए शरण गृह की व्यवस्था करें और बेहद गर्मी वाले समय अंतराल 12 से 3 बजे तक कार्य को स्थगित रखें, ताकि मजदूरों को हीट स्ट्रोक से बचाया जा सके।