वर्ल्ड हाईपरटेंशन दिवस के अवसर पर पुलिस एवं उनके परिजनों के लिए किया गया चैकअप कैम्प का आयोजन

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (17/05/2022): आज दिनांकः 17.05.2022 को कैंप में सभी पुलिस कर्मियों को फ्री फुल बॉडी चेकउप ( जिसमें किडनी, हार्ट, लिवर, डायबिटीज एवं खून की जांच, बीडीएम सम्मिलित थी ) की सुविधा दी गयी। इसके अलावा उपस्थित लोगों ने सभी तरह के मुफ्त डॉक्टर परामर्श (फिजिशियन, चेस्ट फिजिशियन, कार्डियोलॉजी, गेस्ट्रो, कैन्सर, सर्जरी, गायनेकोलोजी, ईएनटी, स्किन, आई, ऑर्थाे, फिजियोथेरेपी, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, डेंटल एवं डाईटीशियन व अन्य) का भी लाभ उठाया।

भारत में 70 प्रतिशत लोगों में हाईपरटेंशन बीमारी के लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि 42 प्रतिशत शहरी और 25 प्रतिशत ग्रामीण लोगों हाईपरटेंशन की बीमारी से जूझ रहे है। वहीं 30 प्रतिशत मरीज ही दवा का प्रयोग करते हैं। समाज में हाइपरटेंशन की अवेयरनेस जरूरी है ताकि आगे होने वाले घातक परिणामों से बचा जा सके।

काम को सीरियस लें पर खुद पर हावी न होने दें – अलोक सिंह (पुलिस कमिश्नर , गौतमबुद्धनगर )

पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर अलोक सिंह ने सभी पुलिस कर्मियों का मार्गदर्शन किया और कहा कि हम सभी को हाइपर टेंशन से दूर रहना है। हम सभी को इस खतरनाक बीमारी से बचने के लिए अपनी जीवन शैली में बदलाव करना होगा। हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर से अब किशोर और युवा भी पीड़ित हो रहे हैं. साइलेंट किलर के रूप में हाइपरटेंशन मौत का मुख्य कारण बन चुका है, उन्होंने सभी सह कर्मियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हम दिन रात बहुत बड़ी जिम्मेदारियों को निभाते-2 अपना ध्यान रखना भूल जाते है पर हमे हाइपर टेंशन जैसी बीमारियों को दूर रखने के लिए खुद के व्यायाम पर भी ध्यान देना चाहिए।

काम की शेडूलिंग से बनता है काम आसान – डॉ. डी. के. गुप्ता

फेलिक्स अस्पताल के संस्थापक डॉ. डी. के. गुप्ता ने कहा कि काम को आसान बनाने के लिए हमे एक दिन पहले ही काम को कैलेंडर में शेडूल कर लेना चहिये इससे हमे काम करने में आसानी रहनी है और स्ट्रेस भी नहीं रहता। उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन को उच्च ब्लड प्रेशर के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां आपकी धमनी दीवार के खिलाफ खून की शक्ति अत्यधिक बढ़ जाती है, जिससे हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। ब्लड प्रेशर आमतौर पर रक्त के स्तर से निर्धारित होता है जो दिल को पंप करता है। यदि धमनियां संकीर्ण हैं और दिल अत्यधिक मात्रा में रक्त पंप करता है, तो दबाव अधिक होता है। हाईपरटेंशन बिना किसी स्पष्ट लक्षण के कई सालों तक विकसित हो सकता है। जो उच्च ब्लड प्रेशर स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकता है, जिसमें समय पर इलाज नहीं होने पर मृत्यु हो सकती है। इसलिए इसकी अवेयरनेस अति आवश्यक है।

रोजाना 30 मिनट का व्यायाम हाईपरटेंशन से रखेगा दूर – डॉ नूपुर जैन

फेलिक्स अस्पताल की डॉक्टर नूपुर जैन ने कहा रोजाना तीस मिनट का व्यायाम और सही खानपान हाईपरटेंशन से बचा सकता है। जीवनशैली में बदलाव करके साइलेंट किलर से बचा सकता है। हाईपरटेंशन सभी को प्रभावित करता है। आज कल बढ़ता धूम्रपान भी इस बीमारी रूपी आग को हवा दे रहा है। उच्च रक्तचाप का अचानक बढ़ना व घटना गुर्दे, आंखें व हृदय घात जैसी महत्वपूर्ण तंत्र को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। एक सामान्य व्यक्ति को भी नियमित रूप से अपनी जांच करानी चाहिए, क्योंकि यह साइलेंट किलर बीमारी है। बहुत से लोगों को इस बात का पता ही नहीं होता कि वह इसकी चपेट में आ चुका है। हाईपरटेंशन पर काबू करके दिल का दौरा, हृदय की विफलता, स्ट्रोक, परिधीय धमनी की बीमारी और गुर्दे की बीमारी जैसे खतरों से बचे रह सकते हैं।

हाई बीपी के मरीज भूलकर भी न करें ये गलतियां
1- वेट लिफ्टिंग, स्कूबा डाइविंग, स्काई डाइविंग, स्क्वैश और स्प्रिंट करना जैसी एक्टिविटीज हाई बीपी के मरीजों के लिए खतरनाक स्थितियां पैदा कर सकती हैं, इन्हें करने से बीपी काफी तेजी से बढ़ने लगता है। इन्हें अवॉयड करना चाहिए। इसके अलावा किसी एक्सरसाइज को करते समय अगर सिरदर्द, चक्कर, थकान या उल्टी जैसी परेशानी महसूस हो रही है, तो आपको उस एक्सरसाइज को फौरन बंद कर देना चाहिए. हाई बीपी के मरीजों को किसी विशेषज्ञ की सलाह लेने के बाद ही कोई एक्सरसाइज करनी चाहिए।

हाईपरटेंशन के प्रमुख कारण.
-मोटापा
-अधिक वजन
-धूम्रपान
-खराब जीवन शैली
-अधिक नमक का सेवन
-ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन
-हाईपरटेंशन का पारिवारिक इतिहास
-अत्याधिक तनाव

हाइपरटेंशन के लक्षण.
-सिर दर्द
-बेचैनी
-थकान
-अनिद्रा
-आक्रोश
-घबराहट
-चक्कर आना
-शारीरिक एवं मानसिक परेशानी
-धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाना

बचाव.
-नियमित व्यायाम करें
-धूम्रपान से दूर रहे
-वजन को नियंत्रित रखें
-तनाव और चिंता से दूर रहें
-फल व सब्जियों का सेवन

*उद्घाटन के समय ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर, लव कुमार, एडिशनल पुलिस कमिश्नर, मुख्यालय, भारती सिंह, पुलिस उपायुक्त, मुख्यालय/लाईन/ग्रे0नो0 डॉ0 मीनाक्षी कात्यायन, पुलिस उपायुक्त यातायात गणेश प्रसाद, पुलिस उपायुक्त नोएडा राजेश एस0, पुलिस उपायुक्त से0नो0 हरीश चन्द्र, पुलिस उपायुक्त, अपराध अभिषेक, अपर पुलिस उपायुक्त (स्टाफ अफसर) आशुतोष द्विवेदी, अपर पुलिस उपायुक्त, ग्रे0नो विशाल पाण्डेय, अपर पुलिस उपायुक्त, अभिसूचना प्रद्युम्न सिंह, अपर पुलिस उपायुक्त, मुख्यालय/लाईन, इलामारन, सहायक पुलिस आयुक्त, लाइन अंकिता शर्मा, सहायक पुलिस आयुक्त पी0पी0 सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त अब्दुल कादिर, प्रतिसार निरीक्षक, प्रथम विक्रम सिंह चौहान, प्रतिसार निरीक्षक द्वितीय‌ अब्दुल रशीद खान, निरीक्षक परिवहन गया शंकर शर्मा, एवं फेलिक्स हॉस्पिटल की वाइस प्रेसिडेंट डॉ0 हेमा लाल, सीनियर कंसल्टेंट डॉ0 अनिल ठकुवानी, डॉ0 रितेष अग्रवाल, डॉ0 प्रियदर्शिनी जितेन्द्र, डॉ. अनिल ठकवानी, डॉ. नूपुर जैन, डॉ. शिखा रानी, डॉ केशव गोयल, डॉ सौम्या अग्रवाल, डॉ. किरण सेठ, डॉ. योगिता, डॉ. रति , डॉ रिंकू, डॉ रितेश अग्रवाल, डॉ अदिति, डॉ चारु, डॉ. रूमाना और डॉ. नीरज एवं मार्केटिंग टीम से शिवम मिश्रा उपस्थित थे।

आयोजित कैम्प में फेलिक्स हॉस्पिटल से 09 चिकित्सक एवं 17 नर्सिंग/मार्केटिंग स्टॉफ द्वारा 375 पुलिस एवं उनके परिजनों के फुल बॉडी चैकअप किये गये है तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा पुलिस कर्मियों को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के सम्बन्ध में परामर्श दिये गये।