नोएडा प्राधिकरण द्वारा फार्म हाउस तोड़े जाने के बाद, इलाहाबाद उच्च न्यायालय में १०० से अधिक लोगों ने कराए आपत्ति दर्ज

टे न न्यूज नेटवर्क

नोएडा (02–07–2022):फार्म हाउस तोड़े जाने के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर याचिकाकर्ताओं ने प्राधिकरण में 100 से ज्यादा आपत्ती आई है। इसमें एक फायदा तो यह हुआ है कि प्राधिकरण को भी पता चल रहा है फार्म हाउस के असली मालिक कौन है, हालांकि इन आपत्तियों में वह मालिक सामने नहीं आए हैं जिनके फार्महाउस को प्राधिकरण ने तोड़ दिया है।

आपत्ति दर्ज कराने वालों की एक सूची प्राधिकरण में तैयार हो रही है ताकि इनकी आपत्तियों का जवाब भी दिया जा सके । प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कोर्ट में समय सीमा बढ़ाने के लिए याचिका दायर होगी जवाब देने में कम से कम 1 माह से अधिक का समय लग सकता है। हालांकि अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस दौरान कार्यवाही जारी रहेगी या फिर रोक दी जाएगी।

जिन फॉर्म हाउस संचालकों ने एसोसिएशन से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने रजिस्ट्री के कागज तक लगाए हैं प्राधिकरण ने बताया कि यमुना डूब क्षेत्र प्राधिकरण अधिसूचित क्षेत्र में है यहां बिना प्राधिकरण के एनओसी जारी किए निर्माण नहीं किया जा सकता ऐसे जो भी रजिस्ट्री हुई है दादरी से कराई गई है इनको भी देखा जा रहा है।

चौंकाने वाली बात यह है कि यहां ऐसे पक्के निर्माण या 100 से ज्यादा परिवार रह रहे हैं इनकी अपनी एक पंजीकृत आरडब्लूए भी है इनके कुछ लोग भी कोर्ट की शरण में गए हैं आपत्तियों में इसका जिक्र भी किया गया है।

जानिए किन किन आपत्तियों का देना होगा जवाब।

फार्म हाउस मालिकों ने दावा किया है 2011 के बाद वाले फार्महाउस ढांचे को तोड़े जाने का प्राधिकरण के पास कोई अधिकार नहीं है क्योंकि निर्माण अवैध नहीं है।

याचिकाकर्ताओं ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र पर भी सवाल उठाया है उन्होंने कहा है कि नंगला नंगली और आसपास के गांव जहां सबसे अधिक संख्या में फॉर्म हाउस बनाए गए हैं उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत अधिसूचित नहीं है।

संबंधित क्षेत्र मास्टर प्लान 2021 का हिस्सा नहीं था मास्टर प्लान 2031 में इस क्षेत्र का पहली बार रिवरफ्रंट विकास क्षेत्र के रूप में दिखाया गया है मास्टर प्लान में संशोधन के लिए राज्य सरकार को कई आवेदन दिए गए हैं।।