पर्यावरण राज्य मंत्री का गौतमबुद्ध नगर दौरा: प्रदूषण से निपटने के लिए प्रदेश सरकार का मास्टर प्लान

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (5 नवंबर 2022): उत्तर प्रदेश के वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ अरुण कुमार इन दिनों गौतमबुद्ध नगर दौरे पर हैं। इस बाबत शनिवार को नोएडा सेक्टर 38 के शक्ति सदन गेस्ट हाउस में डॉ कुमार ने पत्रकारों से बातचीत की।

डॉ अरुण कुमार पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदूषण के गंभीर स्तर, उसके कारण, समस्या और समाधान के मुद्दों पर प्रकाश डाला।

पर्यावरण राज्य मंत्री ने बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा क्या अहम कदम उठाए जाएंगे उन मुद्दों पर भी चर्चा की। डॉ कुमार ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश एनसीआर के क्षेत्रों में प्रदूषण से निपटने के लिए पर्यावरण मंत्रालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रतिदिन कार्यों की समीक्षा कर रही है। प्रदूषण का प्रमुख कारण है सड़कों पर धूल, जिसे हम रोकथाम करने में लगे हुए हैं। सड़कों पर धूल कम से कम उड़े इसलिए जल का छिड़काव किया जा रहा है। मशीनों के माध्यम से धूल को एब्जोर्व किया जा रहा है। सड़क के किनारे मार्बल या घास लगाने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही क्षेत्र को कुल 80 स्मॉग गण मशीन भी दिए गए हैं।

 

पर्यावरण राज्य मंत्री डॉ कुमार ने आगे कहा कि एनसीआर क्षेत्र में गड्ढामुक्त शहर बनाने के लिए हमारी सरकार दृढ़ संकल्पित है। हम नियमित सड़कों का मरम्मतीकरण और चौड़ीकरण कर रहे हैं। नोएडा एवं गाजियाबाद में O2CNG कचड़ा प्रबंधन सुविधाएं पूरी क्षमता से चालू हैं। ग्रेटर नोएडा और मेरठ में भी जल्द ही इसे शुरू की जाएगी। दिसंबर माह से अबतक मानकों के अनुरूप कार्य नहीं करने वाले साइटों पर 1.58 करोड़ रुपए पर्यावरण क्षतिपूर्ति के वसूले गए हैं।

 

साथ ही डॉ कुमार ने कहा कि प्रदूषण का एक प्रमुख समस्या है निर्माण कार्य, इस बाबत अभी निर्माण कार्यों को बन्द कर दिया गया है। और जब खोला जाएगा तो भी मानक के अनुरूप ही कार्य किया जाएगा। प्रदूषण के बढ़ने का एक कारण है पुराने गाड़ियों का सड़क पर चलाना। सरकार 15 वर्ष से पुरानी गाड़ियों बदलने में ग्राहकों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करेगी।

 

साथ ही पर्यावरण राज्य मंत्री डॉ अरुण कुमार ने कहा कि सेटेलाइट फोटो के माध्यम से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब में पराली जलाने में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश में पराली जलाने वालों की संख्या घटी है। पड़ाली जलाते हैं पंजाब और अन्य राज्यों के लोग लेकिन इसका खामियाजा दिल्ली वालों और एनसीआर वालों को भुगतना पड़ता है। प्रदेश सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है।।