उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों को 15 फीसदी फीस माफी के दिए आदेश , पढ़ें पूरी रिपोर्ट

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (18 जनवरी 2023): अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ाने वाले अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने साल 2019-20 में कोरोना संक्रमण के कारण निजी विद्यालयों के फीस में छूट संबंधित याचिकाओं पर विचार करते हुए 15 फीसदी फीस वापस करने या आगे की फीस में समायोजित करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद अभिभावकों ने राहत की सांस ली है।

गौतमबुद्ध नगर पैरेंट्स वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक मनोज कटारिया ने टेन न्यूज से बातचीत में कहा कि ” इलाहाबाद उच्च न्यायालय का यह आदेश स्वागत योग्य और अभिभावकों के लिए राहतभरी है। लेकिन यदि यह आदेश कुछ दिन पहले आता तो अभिभावकों के लिए और सहूलियत होता, क्योंकि कोरोना महामारी के उस भयावह दौर में लोगों के लिए भोजन और जीवनयापन करना कठिन था ऐसे में स्कूलों की मोटी फीस देना बहुत मुश्किल था।”

कटारिया ने कहा कि ” साल 2019-20 के फीस में से 15 फीसदी लौटाने या आगे की फीस में समायोजित करने की बात न्यायालय द्वारा कही गई है, तो स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो बच्चे अब उनके यहां नहीं पढ़ते या फिर वो उत्तीर्ण हो गए हैं उनके पैसे भी लौटाए जाए। दूसरी बात की साल 2022- 23 में स्कूलों में 10 फीसदी की फीस बढ़ोतरी और साल 2023-24 में 11.69 फीसदी फीस की बढ़ोतरी की गई है, तो क्या न्यायालय के आदेश के बाद स्कूलों के फीस में 15 फीसदी की कमी के बाद के फीस को आधार बनाया जाएगा या फिर, पुराने फीस को ही आधार बनाकर फीस बढ़ाया जाएगा।”

उच्च न्यायालय का आदेश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि 2020-21 में जब स्कूल ने सुविधाएं नहीं दी तो फिर 2019-20 के स्तर की फीस नहीं ली जा सकती। उच्च न्यायालय ने 2020-21 में जमा की गई फीस को 15 फीसदी माफ करने का आदेश दिया है। यह आदेश राज्य के सभी स्कूलों पर लागू होगा।।