उत्तर प्रदेश में घर खरीदारों के लिए अत्यंत ही महत्वकांक्षी कानून रेरा को 01-मई-2016 को लागु किया गया था। 2 महीने बाद रेरा कानून लागु हुए 5 साल पूरे हो जाएँगे। प्रदेश में रेरा लागु होने के पश्चात घर खरीदारों को उम्मीद जगी थी कि बिल्डरों के आतंक से छुटकारा मिलेगा। लेकिन अगर वास्तविक धरातल पर देखें तो यूपी-रेरा अभी तक घर खरीदारों के हित में कुछ ठोस नहीं कर पायी है।
घर खरीदारों की संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने शुक्रवार दिनांक 26/02/2021 को सुबह 9:25 पर घर खरीदारों के लिए एक ऑनलाइन वोटिंग कराया। ऑनलाइन वोटिंग में अभिषेक कुमार ने घर खरीदारों से पूछा कि “क्या UP-RERA घर खरीदारों की समस्या को समाधान करने में कामयाब हुआ है?” इसका जवाब देने के लिए तीन ऑप्शन दिए गए – 1) हाँ; 2) नहीं; और 3) रेरा ने समस्या बढ़ाया है।
शनिवार दिनांक 27/02/2021 को सुबह ख़त्म हुए ऑनलाइन वोटिंग में 1136 घर खरीदारों ने हिस्सा लिया। वोटिंग में सर्वाधिक 79.1% घर खरीदारों ने दूसरे ऑप्शन “नहीं” को वोट दिया, दूसरे क्रम पर 15.4% वोटिंग के साथ घर खरीदारों ने तीसरे ऑप्शन “रेरा ने समस्या बढ़ाया है” को वोट दिया। ऑनलाइन वोटिंग में मात्र 5.5% घर खरीदार रेरा की कार्यवाही से खुश दिखे।
अभिषेक कुमार ने बताया कि प्रदेश में रेरा लागु होने से घर खरीदारों को जितनी राहत की उम्मीद थी वो अभी तक नहीं मिल रहा है। रेरा लागु होने के बाद भी बिल्डर की मनमानी बंद नहीं हुयी अभी तक। रेरा के आदेशों को बिल्डर नहीं मान रहा। सब कुछ जानते हए भी रेरा बिल्डरों के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्यवाही नहीं कर रहा। अभिषेक कुमार ने बताया कि रेरा में दर्ज किये गए शिकायतों में सर्वाधिक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग़ाज़ियाबाद से जुड़े हुए मामले हैं। रेरा द्वारा जारी किये गए कुल रिकवरी सर्टिफिकेट में 95% रिकवरी सर्टिफिकेट भी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग़ाज़ियाबाद से जुड़े हुए हैं, परन्तु जारी हुए रिकवरी सर्टिफिकेट की वसूली नहीं हो रही। रिकवरी सर्टिफिकेट की वसूली ना होने से घर खरीदारों को पैसे वापिस नहीं मिल रहे। अभिषेक कुमार ने यह भी बताया कि रेरा द्वारा जारी किये सर्वाधिक आदेश घर खरीदारों के हित में हैं लेकिन बिल्डर आदेशों का अनुपालन नहीं कर रहा। आदेशों के अनुपालन नहीं होने से घर खरीदारों को रेरा द्वारा जारी आदेशों में तय समय से घर नहीं मिल रहा।
अभिषेक कुमार ने बताया कि रेरा में शिकायत चलने के बावजूद बिल्डरों द्वारा फ्लैट निरस्त करने के मामले सामने आ रहे। साथ ही एक मामला और सामने आ रहा जिसमे 10-11 साल से घर का इंतजार कर रहे खरीदारों का फ्लैट निरस्त किया जा रहा। 2010-11 में लिए गए घर की कीमत कम थी। उन सभी फ्लैट की कीमत आज के समय काफी बढ़ गयी है। ऐसे में अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में बिल्डर पुराने घर खरीदारों का फ्लैट निरस्त कर रहा। अभिषेक ने बताया कि सोमवार को रेरा चेयरमैन राजीव कुमार जी के साथ मीटिंग फिक्स हुआ है। मीटिंग में सभी मुद्दों को उठाया जायेगा और रेरा पर घर खरीदारों का भरोसा बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया जायेगा।