रजिस्ट्रेशन,पर्ची, डाक्टर और फिर दवा की लाइन से कब मिलेगी निजात
– ईएसआईसी की अव्यवस्था को लेकर दो दिन के सत्याग्रह के पहले सुरक्षाकर्मियों ने की अभद्रता
नोएडा। राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पताल के लाखों आश्रितों को दवा के लिए इंतजार का दर्द सहना पड़ रहा है। डॉक्टर के लिखे पर्चे को लेकर दवा के लिए लोग कई दिन तक डिस्पेंसरी के धक्के खा रहे हैं। औद्योगिक नगरी के लाखों लोगों की इस समस्या के समाधान के लिए 74 वर्षीय ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रा दवा आंदोलन छेड़ेंगे। हिंदी का समर्थन व आपातकाल का विरोध करने वाले वर्षीय ब्रह्मेश्वर ने बताया कि दवा के लिए कब तक सहना पडे़गा दर्द बृहस्पतिवार को उन्होंने सेक्टर-24 स्थित ईएसआई अस्पताल के सामने धरने दिया धरने के पहले दिन सुरक्षाकर्मियों ने उनको हटाने की कोशिश की उन्होनें बताया उनका बैनर फाड दिया गया क्या अपने देश में कोई शांति पूर्व प्रर्दशन नही कर सकता उनके साथ कई मरीज भी आए और उनका सर्मथन दिन। शुक्रवार 12 नवंबर को अस्पताल परिसर में और सत्याग्रह करेंगे। इसके बाद एक महीनें का उन्होनें समय देने की बात कही यदि इस दौरान उनकी मांगे नही मानी गई तो कई नेताओं के घर के बाहर धरने में बैठने की योजना बनाई है। ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रा ने कहा कि असुविधाओं और अव्यवस्थाओं के कारण लाखों आश्रितों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इससे पहले भी अंग्रेजी के प्रयोग का विरोध किया था। इससे पहले 1975 में आपातकाल का विरोध भी किया था। अब दवा के लिए प्रर्दशन की शुरुवात की है। उन्होनें बताया की ईएसआईसी मुख्यालय के आदेशानुसार सेक्टर-24 अस्पताल में ही दवा उपलब्ध कराने के निर्देश हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन की मनमानी से मरीज-तीमारदार परेशान हैं। औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर-57 सहित अन्य डिस्पेंसरी में दवा के इंतजार में मरीज और ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं इन अव्यवस्थाओं के लिए अस्पताल के निदेशक समेत कई अधिकारी जिम्मेदार हैं। लगातार शिकायत के बाद भी व्यवस्था में सुधार न होने पर मजबूरन अब अस्पताल में सत्याग्रह का फैसला लिया है, और प्रर्दशन लगातार चलता रहेगा। आज के बाद एक महीनें का समय होने के बाद पहले सांसद और विधायक के घर के बाहर धरना और फिर कई मंत्रियों के यहा प्रर्दशन करने की बात कही।इस दौरान कई मरीजों ने भी अपन दर्द बताया और उनके प्रर्दशन में उनके साथ खडे दिखे। वही उन्होनें बताया कि कुछ पुलिस कर्मियों ने भी उन्हे हटाने और दव दिलाने का आश्वासन दिया है पर मै शुक्रवार को सडक के दूसरी तरफ बैठ कर धरना दूंगा।