टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (13/05/2022): नोएडा के हरौला गांव में स्थित तीन अरब रूपए से भी अधिक कीमत की जमीन पर कुछ भू-माफियाओं की नजर गड़ गई है। भूमाफिया इसे हड़पने की फिराक में हैं इस जमीन पर जूनियर हाई स्कूल (पूर्व माध्यमिक विद्यालय) स्थापित है। गांव के ही कुछ लोगों को मोहरा बनाकर भू-माफिया स्कूल की बेशकीमती जमीन को हथियाने की जुगत में है। गांव के निवर्तमान प्रधान, बीडीसी व कुछ अन्य जागरूक लोग भू-माफियाओं के विरूद्ध ढाल बनकर खड़े हो गए हैं।
पप्राप्त जानकारी के अनुसार हरौला में गांव समाज के खसरा नंबर-976 पर जूनियर हाई स्कूल स्थापित है। स्कूल की यह जमीन 4 बीघे से भी कुछ अधिक है। स्कूल में आसपास की झुग्गी-बस्तियों एवं गांव में रहने वाले किराएदारों के बच्चे पढ़ते हैं। पूरे गौतमबुद्धनगर जिले में यह अकेला सरकारी स्कूल है। जहां एक हजार से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। स्कूल जहां पर स्थित है उसके आसपास जमीन का भाव 3 लाख रूपए मीटर है। अर्थात 4 बीघे जमीन (एक बीघे में 2530 मीटर यानि 4 बीघे में 10120 मीटर) की कीमत 3 अरब 3 लाख 60 हजार रूपए बैठती है।
गांव वालों का इस संबंध में आरोप है कि अरबों रूपए कीमत की इस जमीन पर कुछ भू-माफियाओं की नजर है। दरअसल गांव का ही रहने वाला कश्यप समाज का एक परिवार पिछली तीन पीढि़यों से गांव के खसरा नंबर 979 की जमीन को अपनी पुस्तैनी (पटटे) की जमीन बता रहा है। सरकारी रिकार्ड में खसरा नंबर 979 पर हडवार (मरे हुए मवेशियों को ठिकाने लगाने का स्थान) दर्ज है। गांव का कश्यप परिवार पिछली तीन पीढि़यों से इस जमीन पर दावा करते हुए अदालती लड़ाई लड़ रहा है। यह परिवार स्कूल वाला जमीन को अपना बताता है।
जबकि उक्त परिवार के दावे वाले खसरा नंबर 979 की कुल जमीन मात्र 170 गज है। इस अदालती लड़ाई को देखते हुए वर्ष-2012 से निवर्तमान गांव, प्रधान वेद अवाना, पूर्व बीडीसी सतीश अवाना व अन्य लोग स्कूल की जमीन को बचाने के लिए गांव सभा की तरफ से अदालत में पक्षकार बने हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्कूल की जमीन (खसरा नंबर 979) पर स्टे दे रखा है। यह स्टे 23 मार्च 2012 से जारी है।