टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (15/07/2022): नोएडा शहर के बीचोबीच तालाब की जमीन घेरकर अवैध कॉलोनी बसाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय अब उन्हें प्लॉट दिए जाएंगे। यह सिफारिश गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने की है, इसमें बड़ी बात यह है कि अपर जिलाधिकारी ने ना केवल नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी को बकायदा चिट्ठी भेजकर सिफारिश की है बल्कि हाई कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करके भी जानकारी दी है। प्रशासन की इस अजीबोगरीब रवैया से कानून के जानकार हैरान हैं।
नोएडा में सोरखा जहीदाबाद गांव में एक तालाब था जिसका क्षेत्रफल करीब 30 बीघा था। कुछ लोगों ने तालाब पर कब्जा कर लिया था । पूरे तालाब को मिट्टी से भर कर 50 प्लॉट काटे और घर बना लिए। इसके पीछे कुछ भूमाफिया किस्म के लोग भी हैं,जितेंद्र नाम के व्यक्ति ने साल 2013 में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। जिस पर तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शिव कीर्ति सिंह और जस्टिस दिलीप गुप्ता ने 7 फरवरी 2013 को फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारी को जांच करने और तालाब पर अतिक्रमण को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करने की हिदायत दी थी। हालाकि हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किए जाने के बाद जिलाधिकारी के खिलाफ याचिका दायर की थी और डीएम को तलब भी किया था।
इस मामले में एक बार फिर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। याची के वकील एडवोकेट पंकज दुबे ने बताया कि साल 2013 की अवमानना याचिका पर अदालत ने 16 मई 2022 को सुनवाई की थी। और गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी से जवाब भी मांगा और अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया था । जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया था। डीएम ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन से रिपोर्ट मांगी अपर जिलाधिकारी ने दादरी के एसडीएम से जवाब मांगा है। एडीएम और एसडीएम के बीच हुए पत्राचार की जानकारी हाई कोर्ट को एफिडेविट के साथ सौंपी गई है। एडवोकेट पंकज दुबे का कहना है,कि यह जानकारी बेहद चौंकाने वाली है इस मामले में 4 जुलाई को सुनवाई हुई है गौतम बुद्ध जिला प्रशासन ने हास्यास्पद सूचना अदालत में दाखिल की है। जिन पर आने वाली 8 अगस्त की तारीख लगी है।।