टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (19 जुलाई 2023): विनाशकारी बाढ़ से भले ही पीड़ित लोगों की जिंदगी बच गई हो लेकिन अब उन्हें जिंदगी चलाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। बाढ़ पीड़ितों के सामने अपने आशियाने को फिर से बनाने और सामान्य जीवन की शुरुआत करने की सबसे बड़ी चुनौती है। इस गंभीर विषय पर परीचर्चा करने के लिए टेन न्यूज लाइव शो में समाज के प्रबुद्ध लोगों से इस पूरे प्रकरण पर विस्तार पूर्वक बातचीत की। टेन न्यूज लाइव की खास पेशकश ‘परिचर्चा’ में अतिथि के रूप में नवरत्न फाउंडेशनस के अध्यक्ष एवं समाजसेवी डॉक्टर अशोक श्रीवास्तव; प्रसिद्ध समाजसेवी, एक्टिव सिटीजन टीम के फाउंडर आलोक सिंह ; नव युवा ऊर्जा संस्था के प्रेसिडेंट पुष्कर शर्मा ; एक्टिव सिटीजन टीम के मेंबर व जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता हरेंद्र भाटी उपस्थित रहे। वहीं इस कार्यक्रम का संचालन टेन न्यूज की संवाददाता मेघा राजपूत ने किया |
संगठन द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्य को लेकर नवरतन फाउंडेशनस के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक श्रीवास्तव ने कहा की ” जब तक इंसान पर कुछ नहीं आता है तब तक चर्चा नहीं होती है। अब इंसान के जान पर आ गई है तो हमारा फर्ज बन गया है। वैसे देखा जाए तो पानी उसी क्षेत्र में है जहा पानी का जमाव होता है इस वर्ष थोड़ा ज्यादा हो गया। नवरत्न फाउंडेशन ने अकेले कुछ नहीं किया है हमारा एक ग्रुप है एक्टिव एनजीओज का जो कई जगहों पर भोजन और राहत के लिए आगे आया है।”
एक्टिव सिटीजन टीम के फाउंडर आलोक सिंह ने कहा की जो पहले से डूब क्षेत्र थे, वहां लोगों ने मकान बना लिए हैं, फार्म हाउस , क़ोलनी बस गई हैं जिसकी वजह से उन्हें दिक्कतें आ रही है। यमुना की बाढ़ ने हमारी आंख खोल दी है। सभी जिम्मेदार संगठन , शासन प्रशासन से मैं आग्रह करूंगा की भविष्य के लिए अगर अभी से संभाला नहीं गया तो बहुत भयावह स्थिति होगी।”
ऐक्टिव सिटिजन मेंबर हरेंद्र भाटी ने कहा कि ” हमने लोगों से कपड़ों के लिए अपील की है की सभी अपने पुराने कपड़े दान करें ताकि हम बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचा सके। प्रशासन की तरफ से राहत सामग्री नहीं पहुंचाई जा रही है।”
नव ऊर्जा युवा संस्था के प्रेसिडेंट पुष्कर शर्मा ने बताया की हम जानते हुए भी अंजान बनते है , पता होने के बावजूद हम प्रतिबंधित क्षेत्रों पर भी अपनी जरूरत की चीजों को विकसित करते हैं। मै एक्टिव एनजीओज का हिस्सा हूं , आज लोगों को ज्यादा कमी महसूस नहीं हो रही है।
गौतम बुद्ध नगर के ज़िला सामाजिक न्याय आधिकारी शैलेंद्र सिंह जो विशेष रूप से आमंत्रित थे , आपने सभी की बातें बड़े गौर से सुनी , उन्होंने कहाँ की मैं हर रोज बाढ़ पीड़ितों का जायजा कर रहा हूं , एनजीओ की तरफ से भी लोगों तक सामग्रियां पहुचाई जा रही है। हमे कभी भी प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए, प्रकृति को अपनी सीमाएं पता है, यमुना जी ने इस बार ये दिखा दिया है। इस परिचर्चा में अतिक्रमण आदि के जो मुद्दे उठायें है वो सम्बधित अधिकारियों तक पहुँचाए जाएँगे ।
बाढ़ पीड़ितों के लिए कई एनजीओ की टीम आगे आई है और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य कर रही है। ये हाल सिर्फ नोएडा का ही नहीं है भारत के कई क्षेत्रों में बाढ़ से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। उम्मीद है जल्द ही लोगों का जीवन पटरी पर आ जाएगा और पानी का स्तर कम होगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या ये बाढ़ प्रतिबंधित क्षेत्र में अतिक्रमण का नतीजा है? और अगर यह अतिक्रमण का नतीजा है तो फिर उसपर कार्रवाई करना किसकी जिम्मेदारी है।।