नॉएडा – शहर में आवारा कुत्तों का आतंक कहर बनकर बरस रहा है। सेक्टर-29 के गंगा शॉपिंग कॉम्पलेक्स में एक 10 वर्ष के बच्चे पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया जिसके बाद उसकी हालत नाजुक होने पर उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया है। बच्चा मानसिक रूप से कमजोर बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सदरपुर कॉलोनी निवासी ललित मानसिक रूप से कमजोर है। वह सेक्टर-29 गंगा शॉपिंग कॉम्पलेक्स में घूमता रहता है। शनिवार रात खाने पीने की दुकान के पास वह खड़ा था। वहीं आवारा कुत्तों का झुंड भी था। इसी बीच कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। कुत्तों के हमले वह बुरी तरह जख्मी हो गया। ललित को जिला अस्पताल में भर्ती करया गया, जहां उसकी हालत नाजुक होने के कारण उसे सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया। उधर इस घटना के बाद मार्केट के लोगों में रोष है। समाजसेवी अनूप खन्ना का कहना है कि शहर में आवारा कुत्तों का आतंक दिन पर दिन बढ़ाता जा रहा है। इसकी शिकायत भी प्राधिकरण तक पहुंच रही है। उसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है।
आवारा कुत्तों पर प्राधिकरण नहीं कर पा रहा काबू
जिला अस्पताल में प्रति दिन 50 से ज्यादा मरीज कुत्तों के काटने के आ रहे हैं। पिछले दिनों सेक्टर-82 की केंद्रीय विहार सोसायटी में कुत्तों ने चार लोगों को काट लिया था। वहीं ग्रेनो वेस्ट की एक सोसायटी में बच्ची पर कुत्तों ने हमला कर दिया था, जिसमें बच्ची को दिल्ली रेफर करना पड़ा था। प्राधिरकण द्वारा एसपीसीए के आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने व नसबंदी करने का काम सौंपा गया है। लेकिन पिछले कई महीनों से बजट की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है जिसका खामियाजा शहर के लोगों को उठाना पड़ रहा है।
फोनरवा की प्रमुख मांगों में से एक
आरडब्ल्यूए संगठन फोनरवा के अध्यक्ष एनपी सिंह ने बताया कि शहर की सबसे बड़ी समस्या में से एक है आवारा कुत्तों का हमला। पिछले कई महीनों से प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक में ये मुद्दा उठाया जा चुका है, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्य नहीं हुआ है। आए दिन कुत्तों के हमले की खबर आती रहती है। आवारा कुत्तों के आतंक से प्राधिकरण निजात नहीं दिला पा रहा है। कई बार सुझाव दिए गए उस पर भी कार्रवाई नहीं हो रही। लोगों को सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा। आरडब्ल्यूए संगठन फोनरवा के अध्यक्ष एनपी सिंह ने बताया कि शहर की सबसे बड़ी समस्या में से एक है आवारा कुत्तों का हमला। पिछले कई महीनों से प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक में ये मुद्दा उठाया जा चुका है, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्य नहीं हुआ है। आए दिन कुत्तों के हमले की खबर आती रहती है। आवारा कुत्तों के आतंक से प्राधिकरण निजात नहीं दिला पा रहा है। कई बार सुझाव दिए गए उस पर भी कार्रवाई नहीं हो रही। लोगों को सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा।