एमिटी विश्वविद्यालय में “अंतरिक्ष डेटा विश्लेषण” पर पांच दिवसीय ऑनलाइन शिक्षक विकास कार्यक्रम हुआ शुरू

शिक्षकों और शोधार्थियों को अंतरिक्ष से प्राप्त विभिन्न सूचनाओं को एकत्रित करके उसका विश्लेषण करने एवं उपयोग करने की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग एकेडमी के सहयोग से ‘‘ अंतरिक्ष डेटा विश्लेषण” पर पांच दिवसीय (सितंबर 06 से 10 तक ) ऑनलाइन शिक्षक विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ इसरो के सांइटफिक सेक्रेटरी, डा आर उमामहेश्वरन, यूएस के बिजनेस एक्सलेंस इंक के चेयरमैन और प्रेसीडेंट डा मनु वोरा, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा एम एस प्रसाद द्वारा किया गया। इस पांच दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम में देश विदेश के प्रख्यात विद्वान और विशेषज्ञ जानकारी प्रदान करेगें।

इसरो के सांइटफिक सेक्रेटरी, डा आर उमामहेश्वरन ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में यह विषय प्रासंगिक है। भारत द्वारा बहुआयामी अंतरिक्ष कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है जिसके अंर्तगत हम समाज और आम आदमी की समस्याओं के निवारणों को तलाशते है। आज भारत हर क्षेत्र वैश्विक स्तर पर सम्मान हासिल कर रहा है और स्पेस के क्षेत्र मे ंहम आत्मनिर्भरता और स्वदेशी को विकसित कर रहे है। डा उमामहेश्वरन ने कहा कि स्पेस कार्यक्रम के द्वारा हम कम्यूनिकेशन, नैविगेशन, मेट्रोलॉजी आदि सहित राष्ट्रीय कार्यक्रमों को पूर्ण करने में सहायक बन रहे है। भोजन और जीविका, कृषि उत्पादकता बढ़ाने, जलवायु जानकारी, ग्रामीण संर्पक, आदि सहित में स्पेस डाटा का विश्लेषण सहायक होगा। उन्होनें कहा कि अंतरिक्ष डाटा का उपयोग करके हमें मत्स्य उत्पादन की क्षमता, बहु मानदंड आधारित डाटा का उपयोग कर भूमि के नीचे जल की उपलब्धता, सौर उर्जा पावर प्लांट की क्षमता को बढ़ा सकते है। देश में आये पिछले कई साइक्लॉन की पूर्व जानकारी प्रदान करके लोगों के जान माल की रक्षा की गई है। बहुतयात मात्रा में प्राप्त जटिल डेटा का विश्लेषण से अन्य तकनीकयों का विकास संभव है। डेटा का विश्लेषण, अभूतपूर्व परिवर्तन ला सकता है। उन्होनें गगनयान मिशन की जानकारी भी दी।

यूएस के बिजनेस एक्सलेंस इंक के चेयरमैन और प्रेसीडेंट डा मनु वोरा ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों का प्रथम कर्तव्य छात्रों को सहभागी बनाना है। 10 प्रतिशत बेहतरीन योजना निर्मााण और 90 प्रतिशत त्रुटिरहित क्रियान्वयन सफलता को सुनिश्चित करता है। बिना क्रियान्वयन के सिर्फ योजना बनाना व्यर्थ है और बिना योजना के क्रियान्वयन करना घातक है। सीखने वालो को सहभागी बना कर सीखना के उपरांत उपयोग करने और साझा करना आना चाहिए। उन्होनें शिक्षकोें से कहा कि छात्रों को सहभागी बनाने के लिए विषय प्रदान करके उस पर शोध करके आने के लिए कहें, विषय के महत्व को साझा करें, वास्तविक विषय के उदाहरण दें, प्रारंभ में कुछ प्रश्न पूछें, बुनियादी अवधारणओं को बतायें, कक्षा में उत्सकुता और नवाचार को बढ़ाये, छोटे समूहों का निर्माण करके परचर्चा करायें। डा वोरा ने शिक्षण प्रभावी मॉडल, शिक्षक उत्कृष्ट मॉडल, शिक्षक की नेतृत्वता की यात्रा, साफ्ट कौशल का महत्व आदि के बारे मंे बताया।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि स्पेस के क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे है स्पेस डेटा विश्लेषण करके उसका वैज्ञानिकी और व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है और द्वितीय कोरपोरेट विश्व द्वारा स्पेस क्राफ्ट लांच किया जा रहा है। इसरों द्वारा कई सारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। शिक्षको और शोधार्थियों का इस कार्यक्रम से स्पेस डेटा टेक्नोलॉजी के संर्दभ मे ंनवीनतम जानकारी प्राप्त होगी और उस डेटा का उपयोग करके नये एप्लीकेशन का निर्माण होगा। बहुआयामी शिक्षा के साथ बहुआयामी शोध भी महत्वपूर्ण है।

एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी मे ंहम शिक्षको को जानकारी प्रदान करके उनकी क्षमता का विकास करते है जिससे वे छात्रों के संपूर्ण विकास में सहयोग कर पायें। वर्तमान में तकनीकी ही शक्ती है। स्पेस से प्राप्त डेटा का विश्लेषण करके नई जानकारीयां और तकनीकी प्राप्त होगी। उन्होनें कहा कि एमिटी का उददेश्य स्पेस के क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन प्रदान करना है।

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा एम एस प्रसाद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए पांच दिवसीय कार्यक्रम के संर्दभ में बृहद जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंजिनियरिंग टेक्नोलॉजी के डिप्टी डीन डा के एम सोनी एवं अन्य शिक्षक उपस्थित थे।