नोएडा में पेयजल की अनुपलब्धता है एक बड़ी समस्या, CONRWA ने नोएडा प्राधिकरण को लिखा पत्र

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (01/08/2022): नोएडा को बसे हुए 40 वर्ष पूरे हो गए हैं, लेकिन नोएडा हाइटेक सिटी बनने के बाद भी पेयजल की समस्या से जूझ रहा है। अगर हम नोएडा प्राधिकरण की बात करें तो नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा को हाईटेक बनाने में काफी सहायता की है। चाहे आप नोएडा की पक्की सड़कें या हाईटेक ट्रैफिक व्यवस्था को देख लीजिए, उसमें नोएडा प्राधिकरण ने ही विकास किया है। लेकिन नोएडा प्राधिकरण नोएडा वासियों को अबतक पेयजल उपलब्ध कराने में असफल रहा है। इसी कड़ी में नोएडा वासियों के पेयजल की समस्या को CONRWA ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी को पत्र लिखकर अवगत कराया है।

CONRWA ने प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी को पत्र में लिखकर कहा है कि नोएडा को बने हुए 46 वर्ष पूरे हो गए हैं। लेकिन नोएडा अभी भी अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित होता दिखाई पड़ता है, 40 वर्ष बाद भी नोएडा वासी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। नोएडा प्राधिकरण नोएडा वासियों को पेयजल उपलब्ध नहीं करा पाया है। उच्चतम न्यायालय ने लगभग 25 साल पहले शत प्रतिशत ट्रेड शुद्ध पेयजल आपूर्ति कराने के निर्देश दिए थे, परंतु नोएडा प्राधिकरण ने इस संबंध में भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है।

CONRWA के संस्थापक पीएस जैन एडवोकेट ने जानकारी देते हुए बताया है कि नोएडा प्राधिकरण के पास पर्याप्त संसाधन होने के उपरान्त भी ठोस कार्यवाही न करना प्राधिकरण की इस ओर ध्यान न देने की मानसिकता को दर्शाता है। जहां तक पूंजी (धन राशी) का प्रश्न है वह प्राधिकरण के पास पर्याप्त है, क्योंकि प्राधिकरण के द्वारा दूसरे अन्य विभागो को कई हजार करोड़ रूपये उधार दिए जाते रहे है। तथा अन्य बाहरी योजनाओ में भी हजारों करोड़ रूपये इनवेस्ट कर रखे है।

उन्होंने कहा है कि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नागरिको का मौलिक अधिकार है तथा प्राधिकरण की नैतिक जिम्मेदारी है। यदि प्राधिकरण द्वारा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर ली जाती है, तो लाखों लीटर पानी की बरबादी को भी रोका जा सकता है। जैसे शुद्ध पेयजल की आपूर्ति न होने के कारण लाखों घरों एवं संस्थानों में RO के प्रयोग से 70 से 90 प्रतिशत तक पानी बर्बाद होता है। जिसका कोई उपयोग नही होता है। गंगा जल में रेनी वेल के पानी को मिक्स करने से गंगा जल भी दूषित हो जाता है। अथवा गंगा जल पीने योग्य नही रहता है। अतः उसे भी रि-ट्रिटिड कर के ही पिया जा सकता है। इस प्रकार गंगा वाटर की भी बरबादी हो रही है।

नोएडा प्राधिकरण नोएडा को हाईटेक बनाने में लगा हुआ है, लेकिन नोएडा प्राधिकरण द्वारा नोएडा वासियों की मूलभूत समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि CONRWA के संस्थापक पीएस जैन के पत्र के बाद नोएडा प्राधिकरण समस्या को कितना गंभीरता से लेता है और पेयजल की समस्या का समाधान कैसे करता है।