3 नवम्बर को पूरे देश में ‘मांग दिवस’ के रूप मे मनायेंगे पेंशनर, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (03/11/2022): आज गुरूवार, 3 नवम्बर को पूरे देश के पेंशनर्स ‘मांग दिवस ‘के रूप मे मनाते हुये सभी राज्य/जनपद मुख्यालयों मे आम सभा कर मूलभूत लंबित मागों का प्रस्ताव पारित कर देश के प्रधानमंत्री एवं राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन प्रेषित कर प्रभावी कार्यवाही की मांग करेंगे।

राजधानी लखनऊ मे यह कार्यक्रम आज 3 नवम्बर को स्थानीय सरोजिनी नायडू पार्क स्थित कर्मचारी नेता बी•एन•सिंह प्रतिमा स्थल पर 3 बजे आयोजित किया गया है। उत्तर प्रदेश मे कार्यक्रम के परिप्रेक्ष्य मे सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने सभी जनपदों को ज्ञापन का प्रारूप भेजकर अपने जनपदों मे कार्यक्रम संचालित करने के लिए निर्देशित कर दिया है।

संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बी.एल.कुशवाहा एवं महामंत्री ओ•पी•त्रिपाठी ने कहा कि मूलभूत लम्बित मांगों मे NPS के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, आधी अधूरी कैशलेस इलाज योजना को धरातल पर पूरी तरह लागू करने व अस्पतालों को धन आवंटित करने, जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 माह के फ्रीज्ड DA/DR के एरियर का शीघ्र भुगतान करने, पेंशन की राशिकृत धनराशि जिसकी वसूली 7 वर्ष 5 माह मे हो जाती है पर सरकार 15 वर्ष तक जबरन वसूली करती है उसे बंद कर 10 वर्ष पर बहाल करने, DA/DR की गणना के लिए वर्तमान जीवन पद्धति पर आधारित नई मूल्य सूचकांक प्रणाली जिसका निर्णय भारत सरकार के राजपत्र दिनांक 24 अगस्त 2008 मे किया जा चुका है को लागू करने, पेंशन एवं चिकित्सा ब्यय पूर्ति को आयकर से मुक्त करने, वरिष्ठ नागरिकों को पूर्व मे प्राप्त रेल किराया मे छूट बहाल करने, DA/DR की गणना मे दशमलव के बाद के अंक को छोड़ने की बजाय पूर्णांकित करने एवं 65, 70 तथा 75 वर्ष की आयु पर पेंशन मे 10 – 20 प्रतिशत की वृद्धि करने आदि प्रमुख हैं।

साथ ही पदाधिकारियों ने कहा कि मांगों पर कई बार केन्द्र/राज्य सरकार का ध्यानाकर्षण कराया गया। 27 नवम्बर 2019 को प्रदेश के हजारों पेंशनर्स ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन कर संयुक्त हस्ताक्षर युक्त याचिका सहित ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा था पर सरकार की ओर से वांछित प्रभावी कार्यवाही तथा समस्याओं का समाधान अब तक नहीं हो सका जिससे लाखों पेंशनर्स मे असंतोष है। सरकार की उदासीनता नहीं टूटी तो आने वाले दिनों मे संगठन आगे की आंदोलनात्मक रणनीति तय करने के लिए बाध्य होगा।।