अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: जो हार का सामना करेगा, वही तपकर सोना बनेगा: रि. मेजर जनरल प्रवीण महाजन | UPID

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (21 जून 2023): UPID नोएडा में अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के अवसर पर खास कार्यक्रम का आयोजन हुआ, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर रि. मेजर जनरल प्रवीण महाजन मौजूद रहे । इस मौके पर उन्होंने एक पत्रिका “करकमलम” का विमोचन भी किया। सभागार में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, हर चीज को इस युवा पीढ़ी के लिए आकर्षित करना पड़ता हैं तभी वो उस चीज को पकड़ पाते है। योग को यहां मौजूद योगाचार्यों ने और पतंजलि से निकले हुए कुछ योगाचार्य ने आधुनिक बना दिया है। इसमें हमारे मोदी जी का सबसे बड़ा योगदान है। योग को आज की तारीख में उन्होंने पेटेंट से भी ज्यादा कर दिया। अगर आप इससे चाहे तो इसके कई आयाम है, उससे आगे या इसके ऊपर थोड़ा बहुत प्रकाश डाले तो इसमें बहुत सफलता है। आज की तारीख में 120 लाख करोड़ की ये इंडस्ट्री हो गई है। इसको इंडस्ट्री इसलिए बोल रहा हूं क्यूंकि योग है तो जीवन है, और अगर जीवन में हम बघेल जी से कुछ सीख सके जो कि ग्रीन मैन ऑफ इंडिया, हम अमित जी से कुछ सीख सके, बंसल साहब से सीख सके, हम माली साहब से कुछ सीख सके, हम प्रवीन पचौरी जी से कुछ सीख सके जो सबको एक साथ इस मंच पर ले आए इससे बड़ा सौभाग्य क्या होगा। सबसे बड़ा जो मंत्र है वो है सबका साथ सबका विकास । जो सबके साथ सबके विकास की बात करते है वो हमेशा एक दूसरे के साथ होते है। आज मैं एक बात सिख कर जा रहा हूं मैने अगर इस देश को 36 साल दिए है तो मैं देखता हूं की बाघेल साहब ने देश को जो चीज दी हैं वो मुझसे कहीं आगे है और ये यूएन में भी देश का प्रतिनिधित्व कर रहे है तो इससे बड़ी कोई बात नही हो सकती ।

आगे उन्होंने कहा कि आज इस युवा पीढ़ी को ये देखना है की मुझे किस तरफ जाना है , अगर मेरा थोड़ा सा भी योगदान है तो आज हमलोग इस पीढ़ी को बचाने के लिए ड्रग एडिक्शन, पर्यावरण संरक्षण, स्ट्रेस भरी जिंदगी में सुबह 5 से 10 मिनट के लिए प्राणायाम या ध्यान जरूर करवाया जाए। इससे इनकी जिंदगी में बदलाव आयेंगे। आज के दौर में प्रतियोगिता बहुत ज्यादा है । और आज हर लोग यही कहता है को रिजल्ट ओरिएंटेड बनो। जिंदगी में जबतक आदमी हार का सामना नहीं करेगा तो वो लंबी रेस का घोड़ा कभी नहीं बन पाएगा, और जो हार का सामना करेगा वो तप कर सोना बनेगा। इस पीढ़ी को ये बात सोचना पड़ेगा क्योंकि अगर आपका स्वास्थ्य, अगर आपकी मानसिक स्थिति आपसे कह रही है की आपके एग्जाम्स तो आते जाते रहेंगे। मैने भी 8 बार परीक्षा का सामना किया लेकिन मैंने सोच लिया की छोडूंगा तो नहीं। मैने उतर पूर्व से लेकर जम्मू कश्मीर तक नौकरी की है और सभी लोगों से मैने कुछ न कुछ सीखा है।

इस बार का थीम रहा “वसुधैव कुटुंबकम्” । लेकिन देखिए इस योग को हमारे प्रधानमंत्री ने कैसे संरक्षण किया है जिससे लोग आकर्षित हो सके । 2015 में योगा दिवस का थीम था , “हार्मनी एंड पीस ” फिर उसके बाद “कनेक्ट द यूथ ” उसके बाद ” योगा फॉर हेल्थ ” फिर 2019 में ,” क्लाइमेट ऐक्शन”फिर उसके बाद आया “योग फॉर हेल्थ एट होम ” उसके बाद “योगा फॉर वेलनेस” उसके बाद 2022 में ” योगा फॉर ह्यूमैनिटी” कर उस बार आया” वसुधैव कुटुंबकम् “एक ही धरती है एक ही परिवार है पूरी दुनिया और हम एक दूसरे को योग से नहीं बचा सकते तो किसी चीज से नही बचा सकते। आज सबसे अच्छी बात ये हुई है की योग आपको एक अनुशासन सिखाता है। मुझे बड़े गर्व से कहना पड़ रहा है की जब से योग हमारे फौज में शामिल होने से बहुत कारगर साबित हुआ है । पहले हमारी मॉर्निंग पीटी हमारी क्षमता को बढ़ाने के लिए की जाती थी । वो जो पैटर्न था वो ब्रिटिश के समय से ही चला आ रहा था। 2015 में जब योगा इंट्रोड्यूस हुआ तब हमारे सारे ग्रुप में योगा बहुत जरूरी हो गया।

आखिरी में उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में मेरे द्वारा “करकमलम” मैगजीन का लोकार्पण करवाया गया जिसके लिए मैं आपका आभारी हूं। आप सभी ऐसे ही हंसते रहे मुस्कुराते रहे।।