डेंगू पर काबू पाने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 18 क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग ने चलाया सफाई अभियान

दिन ब दिन डेंगू जैसी बीमारियों के फैलाव के चलते स्वास्थ्य विभाग ने नोएडा में कम से कम 10 क्षेत्रों और ग्रेटर नोएडा में आठ क्षेत्रों को चुना है जहां सबसे अधिक डेंगू के मामले सामने आए हैं। इन क्षेत्रों में डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिए सफाई अभियान चलाया जाएगा।

नोएडा में अब तक 357 डेंगू बुखार के मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमें मंगलवार को दर्ज किए गए 15 मामले शामिल हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इससे पहले जिले में 2017 में डेंगू के 13 मामले, 2018 में 28 मामले, 2019 में 40 और 2020 में 27 मामले दर्ज किए गए थे।

मंगलवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि नोएडा में बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र सदरपुर, छलेरा, ममुरा, निठारी, बरोला, छिजारसी और सेक्टर 5, 9, 22 और 51 हैं।

अधिकारियों ने कहा कि ग्रेटर नोएडा में डेंगू बीमारी के आठ हॉटस्पॉट में अल्फा 2, गामा 1, बीटा 1, गौर सिटी 1 और 2, हैबतपुर, कुलेसरा और सूरजपुर हैं। दर्ज मामले में से लगभग 60-70℅ मामले इन क्षेत्र से आए हैं।

अधिकारियों ने इन क्षेत्रों में लार्वा विरोधी छिड़काव और सीवर की सफाई के साथ आस-पास की सफाई का अभियान चलाया है।

जिला मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा ने कहा कि नोएडा में कुछ और इलाके हैं जहां डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। नोएडा में आधिकारिक तौर पर कुल 357 मामले दर्ज किए गए हैं।

इसके साथ ही अधिकारियों ने ऊंची इमारतों का भी सर्वे करना शुरू कर दिया है, जहां से डेंगू जैसी बीमारियों की शिकायतें मिली हैं।
अधिकारी ने कहा कि डेंगू से बचाव एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी है और इसे पर आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है अगर लोग सावधान रहें और आस-पास की जगहों पर पानी जमा न होने दें।

जिला मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा ने कहा डेंगू का कारण बनने वाला एडीज मच्छर एक परिष्कृत मच्छर है। जो केवल साफ पानी में पैदा होता है। जो आमतौर पर घरों में जमा होता है। यह मच्छर बहुत अधिक या बहुत दूर नहीं उड़ता है जहाँ से यह पैदा होता है। जो बाहर थोड़े से गंदे पानी में भी पनपता है, वह डेंगू का कारण नहीं बन सकता है। इसलिए लोगों को बहुत सावधान रहना चाहिए कि वे बालकनियों, कूलरों, बाल्टियों, गमलों और फीडिंग ट्रे में पानी जमा न होने दें।

इस बीच, साथ ही अधिकारियों को अन्य मौसमी बीमारियों जैसे मलेरिया, टाइफाइड और पीलिया में वृद्धि को रोकने के लिए भी कदम उठाने की सलाह दी गई है।