बहुमंजली इमारतो में आर सी सी शियर वाल का बनाया जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (07/03/2022): कोन्फ़डरेशन ऑफ एनसीआर आर डब्लू ऐ ( कोनरवा ) की कार्यकारणी समिति की एक बैठक सफदरजंग क्लब , नई दिल्ली में आयोजित हुई जिसमें गुडगाँव की घटना को देखते हुए बहुमंजली इमारतों को भूकंप विरोधी बनाने के लिए आर सी सी शियर वाल बनाने को अनिवार्य करने की मांग की गई।

राष्ट्रिय राजधानी क्षेत्र में बनने वाली बहुमंजली इमारतो के लिए भूमि की बियरिंग केपेसिटी ( उदाहरण के तौर पर 15 टन प्रति स्क्वायर मीटर ) 300 कि०मी० दूर बैठे हुए रूडकी व अन्य आई आई टी को भेज दी जाती है और इस आधार पर बहुमंजली इमारत का स्ट्रक्चर नक्शा तैयार भी हो जाता है , स्वीकृत भी हो जाता है और निर्माण भी कर लिया जाता है।

7-8 मंजली इमारत तक तो ठीक है परन्तु इससे ऊँची इमारतो में डिजाइन केवल बीयरिंग केपेसिटी के आधार पर नहीं बल्कि मट्टी की शीयर स्ट्रेंग्थ के आधार पर भी किया जाना चाहिए क्योंकि भूकंप के झटके वर्टिकल नहीं बल्कि होरीजेंटल होते हैं और हर सैकैंड में अपनी डाईरेक्शन बदलते हैं। भूकंप के इन झटको को जज्ब करने के लिए आर सी सी शियर वाल का प्रवाधान आवश्यक है।

आर सी सी शियर वाल नीव से शुरू होकर बहुमंजली इमारतो की आखरी छत तक जाती है। राष्ट्रिय राजधानी क्षेत्र में 5ः भी ऐसे बिल्डर नहीं होंगे जिन्होंने अपनी बहुमंजली इमारतो में आर सी सी शियर वाल को शामिल किया हो। सीमेंट , कोंक्रिट और लोहे से बनी यह प्री स्ट्रेस शियर वाल 40 एम एम से 400 एम एम तक मोटी हो सकती है।

कोनरवा के अध्यक्ष एडवोकेट पी एस जैन एवं स्क्रेट्री जनरल अनिल शर्मा ने कहा की बुद्धिता इस बात में है की आने वाली मुसीबत का प्रारम्भ में ही अंदाजा लगा लिया जाए ताकि नुकसान को कम किया जा सकें।

उन्होंने कहा की भारत में चार सिस्मिक जॉन हैं यानी दो , तीन , चार , पांच। पांचवा जॉन भूकम्प से अत्यंत प्रभावित होने वाला है और दूसरा जॉन भूकंप से कम से कम प्रभावित होने वाला है। इस आधार पर दिल्ली और आस पास के क्षेत्र को चोथे ज़ोन मैं रखा गया है इसलिए भूकंप विरोधी प्रवाधानो को शामिल करना अति आवश्यक हो जाता है।

इस अवसर पर उपस्थित जानी मानी ज्योतिषी वकुल कौशिक, दिल्ली जॉइंट फ्रंट के महासचिव पंकज अग्रवाल, गुडगाँव सिटीजन कौंसिल के टी एन कॉल , कोनरवा के वरि0 उपाध्यक्ष ए एस गुलाटी, महासचिव सुबोध नागपाल, कोरवा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय भाटी, उत्तर प्रदेश कोरवा के अध्यक्ष पवन कौशिक , कोनरवा के कोषाध्यक्ष एम एल शर्मा , कोनरवा के महासचिव सुरेश गोयल, विनय गुप्ता और कोनरवा के संयोजक कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने एक स्वर में कहा की भवन अपने लिए नहीं बल्कि अपनी पीढियों के लिए बनाये जाते है इसलिए उनकी कोस्मेटिक फिनिस से कही अधिक महत्वपूर्ण है स्ट्रक्चरल सेफ्टी।

इस अवसर पर उपस्थित कोनरवा के अन्य पदाधिकारी पवन मैनी, कृष्ण कुमार, राजन गुप्ता, समुन्दर विजय जैन, राजीव अग्रवाल आदि ने कहा की लोग भूकंप से नहीं , घरों के गिरने से मरते हैं। शियर वाल का प्रवाधान करने से काफी हद तक घरों को गिरने से बचाया जा सकता है अन्यथा वही स्थिति होगी जो गुजरात के भुज में हुई थी।