घटिया बिल्डिंग निर्माण करने वाले बिल्डरों के खिलाफ उठाया गया सख्त कदम, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (26/05/2022): गौतमबुद्ध नगर जिले में नोएडा प्राधिकरण, यमुना प्राधिकरण एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के समक्ष लगातार बिल्डरों द्वारा घटिया बिल्डिंग निर्माण एवं गुणवत्ताहीन समानों के प्रयोग की शिकायतें दर्ज कराई जाती रही है। अब इस मामले में। प्राधिकरण की तरफ से एक बड़ा एवं प्रभावी कदम उठाया गया है।

 

बिल्डरों द्वारा घटिया निर्माण के खिलाफ मजबूत कदम

अब प्राधिकरण द्वारा हाईराइज इमारतों के लिए स्ट्रक्चर ऑडिट पॉलिसी तैयार की जा रही है उत्तर प्रदेश में यह पहली पॉलिसी होगी। जिसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण तीनों एक साथ मिलकर तैयार कर रहे हैं। पॉलिसी तैयार होने के बाद इसे बोर्ड बैठक में शामिल कर शासन के पास मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा।

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि तीनों प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के स्तर के समिति बनाई गई है। पॉलिसी नोएडा प्राधिकरण , ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना प्राधिकरण तीनों प्राधिकरण में लागू होगी। इसमें क्या क्या होगा इसको लेकर बिल्डरों के साथ बैठक पहले हो चुकी है। उनके द्वारा भी सुझाव पॉलिसी में शामिल किए गए हैं। और उसी के तहत हर 5 साल बाद सोसाइटी का स्ट्रक्चर ऑडिट कराने का प्रावधान होगा। इसमें अगर किसी तरह की कमी पाई जाती है तो बिल्डर की पूरी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

 

फिलहाल अभी तक प्रोजेक्ट निर्माण के बाद ही बिल्डर प्राधिकरण में कंपलीशन सर्टिफिकेट सीसी के लिए अप्लाई करता है। साथ ही उसे इमारत की स्ट्रक्चर ऑडिट रिपोर्ट भी लगानी होती है। यह रिपोर्ट 5 साल के लिए मान्य होती है, प्राधिकरण से सीसी सर्टिफिकेट जारी होने के बाद ही 5 साल गिने जाएंगे इसके बाद अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन को स्ट्रक्चर ऑडिट करा कर रिपोर्ट प्राधिकरण में देनी होगी। पॉलिसी बनाने के लिए प्राधिकरण एक पैनल बनाएगा इसमें केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान आईआईटी रुड़की और दिल्ली जैसे एजेंसी शामिल होंगी।

शहर में लगभग 400 सोसाइटी है जिनमें 18 निर्माणधीन है इनमें करीब 70000 फ्लैट बने हैं जिनमें 2.5 लाख लोग रहते हैं और करीब 35000 फ्लैट निर्माणाधीन है। देखने वाली बात यह है कि यह पॉलिसी लागू होने के बाद बिल्डर पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।