नोएडा पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले 84 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार, पूरा मामला जानकर चौंक जाएंगे आप!

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नोएडा (24 अगस्त, 2023): 24 अगस्त 2023 को फेस- 1 कोतवाली पुलिस ने एनसीआर क्षेत्र में फर्जी काल सेन्टर चलाने वाले 84 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। साथ ही पुलिस ने संचालन के उपकरण 2.150 कम्प्यूटर सेट, टीएफटी सीपीयू कीबोर्ड माऊस हेड फोन आदि. 13 मोबाइल एक बड़ा सर्वर राउटर, एक क्रेटा गाड़ी, बीस लाख रूपये नकद 42 वर्क प्रिंट आउट 02 अदद प्रमाण पत्र बरामद किया है।

अभियुक्त द्वारा VICIdial साफ्टवेयर तथा एक्सलाईट/eyeBeam डायलर का प्रयोग कर आईवीआर के माध्यम से इनके द्वारा ड्रार्क वैब से लिये गये अमेरिकी व्यक्तियों का डाटा लेकर अमेरिकी नम्बरों पर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेन्ट आफ यूएस से अपने आप को बताकर वॉइस मैसेज भेजा जाता है, जिसमें उनके सोशल सिक्योरिटी नम्बर से सम्बंधित आपराधिक गतिविधियों में उनके लिप्त होने का कारण बताते हुए उनका अकाउंट सीज किया जा रहा है। बताया जाता है कि भेजे गये वॉइस मैसेज में दिये गये हेल्प नम्बर पर जब अमेरिकी नागरिको द्वारा कालिंग की जाती है तो प्रेस वन आदि का ओपशन दिया जाता है प्रेस वन टाईप होने के बाद उनका काल अभियुक्त के पास VICidail पर लैण्ड होता है फिर उक्त अभियुक्त द्वारा xlite साफ्टवेयर का प्रयोग कर अमेरिकी नागरिको से एक स्क्रिप्ट का प्रयोग किया जाता है।

इसके बाद कॉल ट्रान्सफर होने के बाद यूएस मार्सल द्वारा अमेरिकी नागरिक/ कॉलर को बोला जाता है आपका बैंक अकाउंट सीज किया जा रहा है अगर आपको अपना पैसा सेव करना है तो आपको अपना पैसा अकाउंट से निकालना पड़ेगा। आपको अपना पैसा सेव करने के लिये क्रिप्टो करेंसी या गिफ्ट कार्ड में कन्वर्ट करना होगा। अगर अमेरिकी नागरिक/ कॉलर इस क्रिप्टो करेंसी को खरीदना चाहता है तो इसको बार कोड दे दिया जाता है जिसके माध्यम से अभियुक्त के अकाउंट में कालर का पैसा आ जाता है या कॉलर द्वारा अगर अपने पैसों को गिफ्ट कार्ड में कन्वर्ट करते हैं तो कॉलर से अभियुक्त गिफ्ट कार्ड नम्बर ले लेते हैं और गिफ्ट कार्ड नम्बर प्राप्त होने पर इन्टरनेट पर उपलब्ध वेबसाइटों पर जाकर प्राप्त गिफ्ट कार्ड कोड व क्रिप्टो करेंसी को परिवर्तित कर अपने अकाउंट में कर लेते है।

इस मामले में पुलिस ने कुल 84 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 46 पुरुष और 38 महिला अभियुक्त की गिरफ्तारी की गई है। हालांकि अभी भी दो अभियुक्त हर्षित और योगेश फरार हैं। पुलिस के द्वारा डेढ़ सौ कंप्यूटर सेट, 13 मोबाइल, एक बड़ा सर्वर में राउटर, एक क्रेटा गाड़ी, 20 लाख रुपए नगद और 40 वर्क प्रिंट आउट और दो अदर प्रमाण पत्र बरामद किए गए हैं।।