कृष्ण जन्माष्टमी पर चौरासी कोस मथुरा को नोएडा में किया पुनर्जीवित

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (08 सितंबर 2023): कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर देशभर में काफी उत्साह और उमंग है। हम सबके आराध्य भुवन मोहन कृष्ण कन्हैया के जन्मदिवस को लेकर पूरे देश में भक्तिमय माहौल है। इसी बीच नोएडा के सौरभ कुमार चौहान ने कृष्ण जन्माष्टमी पर अपने घर को 84 कोस की मथुरा का रूप दिया है। इस विषय पर टेन न्यूज़ से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि घर मंदिर ही होता है। जिस तरह से हम अपने बच्चों का जन्मदिन मनाते हैं और यह हमारे भगवान हैं तो हमें भगवान का जन्मदिन और भी उत्साह के साथ मनाना चाहिए। इसके साथ-साथ मैं मथुरा का रहने वाला हूं और इस तरह के आयोजन आने वाली पीढियों को मथुरा वृंदावन और भगवान श्री कृष्ण की वास्तविकता को जानने के लिए काफी जरूरी है, और यहां खिलौने के माध्यम से यह दर्शाने का प्रयास किया गया है। आयोजन के अंतर्गत जितने भी खिलौने बने हुए हैं वह मिट्टी के बने हुए हैं। और प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल भी नहीं हुआ है। और आज हर व्यक्ति को पता होना चाहिए कि हम जन्माष्टमी क्यों मनाते हैं और इसका उद्देश्य क्या है।

खिलौने के द्वारा हमने इसमें मथुरा, गोकुल, नंदगांव, वृंदावन और बरसाने को कवर किया है। यमुना भगवान श्री कृष्ण की प्रिया सी थी उनको भी हमने इसके अंदर सम्मिलित किया है। और इसके अंतर्गत हमने कैलाश का प्रदर्शन भी किया है। इसके अंतर्गत काफी चीज ऐसी हैं, जैसे जेल पर्वत और लकड़ी के समान सभी मेरे द्वारा ही बनाए गए हैं और इस प्रतिरूप के अंतर्गत इस तरह से वातावरण को झलकाया गया है, जैसा भगवान श्री कृष्ण के समय पर हुआ करता था। किस तरह बाल्यावस्था से शुरुआत होकर भगवान श्री कृष्ण ने अपना जीवन व्यतीत किया उन सभी अवस्थाओं को भी दिखाने का पूरा प्रयास किया गया है।

दूसरा भगवान के लिए छप्पन भोग आप देखेंगे। वृंदावन जाएंगे, बिहारी जी के यहां जाएंगे या फिर आपको अगर मैं बोलूं कि मथुरा जाएंगे तो आपको 56 भोग दिखाई देंगे। वृंदावन की वजह से प्रेम की परिभाषा समाज को मिली और उसे वृंदावन की झलक भी दिखाई गई है। बरसाने में जहां राधा रानी उनकी प्रिय सी रहती थी, जहां श्री कृष्ण का आना-जाना लगा रहता था उसे भी दर्शाया गया है। गौशालाओं का भी अद्भुत चित्रण किया गया है।

सौरभ कुमार चौहान के पिताजी ने भी टेन न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा कि हम बचपन से ही अपने बच्चों को यह सिखाते आए हैं कि भगवान श्री कृष्ण के प्रति लगाव रखें। कृष्ण की लीलाएं, कृष्ण की कहानियां और कृष्ण की जीवन यापन की पूरी कथा भी हम अपने बच्चों को सिखाते आए हैं, और वही संस्कृति वही सभ्यता उनके द्वारा आज देखने को मिल रही है।।

भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त आदित्य घिल्डियाल ने कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर सौरभ चौहान द्वारा आयोजित समारोह की सराहना करते हुए कहा की , ”
इनके पूरे परिवार ने सराहनीय कार्य किया है , भगवान कृष्ण के जीवन के हर लीला को दर्शाया है। आज के समय में कृष्ण सुदामा जैसी मित्रता भी देखने को नहीं मिलती। आज कलयुग में ऐसी मित्रता की बहुत ही आवश्यकता हो गई है जो जात पात या छोटे बड़े का भेदभाव ना करें । हमें बच्चों को इस तरह की शिक्षा देना चाहिए ताकि आज समाज जो में नैतिक पतन हो रहा है वह पूरी तरह से खत्म हो जाए । आने वाले समय के लिए इस तरह के कार्यक्रम बेहद प्रेरणास्पद साबित होंगे । ”