नोएडा: मानसिक रूप से विक्षिप्त भाई-बहन को नहीं मिल रहा सही इलाज, पड़ोसियों के लिए बने संकट का सबब

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (24/08/2022): नोएडा के सेक्टर-23 में कथित मानसिक रूप से विक्षिप्त भाई-बहन की जोड़ी पूरे मोहल्ले के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। एक पड़ोसी के अनुसार, जिन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी और पुलिस अधिकारियों सहित संबंधित अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें उचित उपचार मुहैया कराने का अनुरोध किया है, इन भाई बहन को सही उपचार दिलाने का प्रयास लंबे समय से अनसुना हो रहा हैं।

जबकि सक्षम प्राधिकारी द्वारा पहले ही चेकअप किया जा चुका है और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने भाई-बहन (नाम गोपनीय) को “गंभीर रूप से मानसिक बीमार” घोषित किया है और तत्काल चिकित्सा सहायता की सिफारिश भी करी है। हालांकि अभी तक किसी भी प्रकार की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है।

यह न केवल प्रभावित व्यक्तियों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि पड़ोस में बढ़ती चिंताओं को भी जन्म दे रहा है। “हम समझते हैं कि यह एक चिकत्सकीय स्थिति है लेकिन हम सभी बीमारियों की तरह इसका भी इलाज किया जाना चाहिए।,” एक पड़ोसी ने नाम न छापने का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के गंभीर रोगों के मरीज को अपने पर छोड़ना और उन्हें इलाज के लिए उचित जगह ना शामिल करना संबंधित अधिकारियों द्वारा एक बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है।

वह आगे कहती हैं, “हमारे घरों में छोटे बच्चे हैं और इन दिव्यांगों के खान-पान, कपड़े ना पहनने की आदतें उनके दिमाग को भी प्रभावित कर रही हैं। इनमें से एक व्यक्ति अक्सर निर्वस्त्र भी रहता है, इसलिए लोगों विशेष रूप से बच्चों और वयस्कों के लिए पड़ोस में घूमना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। ”

एक अन्य पड़ोसी का कहना है, “हम दर-दर भटक रहे हैं और विभिन्न विभागों, अधिकारियों को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है, उन्हें पर्याप्त चिकित्सा सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।”

निकटतम पड़ोसियों का मानना ​​है कि भाई-बहन की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई करी जानी चाहिए।

लगभग एक दशक पहले भी इसी तरह की एक घटना ने शहर को झकझोर कर रख दिया था, जब पास के एक सेक्टर में मानसिक रूप से विकलांग दो लड़कियों को लावारिस छोड़ दिया गया था और आखिरकार वो दोनों भूख से मर गई क्योंकि वे खुद को खिलाने में सक्षम नहीं थीं। इसलिए, इस मामले में अधिकारियों के तत्काल हस्तक्षेप से इसी तरह की गलती से बचने में मदद मिल सकती है, और दो लोगों की जान बच सकती है।