किताबों को पढ़ना और आत्मसात करना चाहिए : अशोक श्रीवास्तव, अध्यक्ष नवरत्न फाउंडेशन्स

Ashok Srivastava

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (20 जून 2023): टेन न्यूज अपने खास कार्यक्रम के माध्यम से आज एक ऐसे व्यक्ति और उसके व्यक्तित्व से आप सभी पाठकों और दर्शकों को रूबरू करा रहा है। जिन्होंने अपने जीवन की यात्रा में एक सफल उद्यमी और कॉरपोरेट जगत में अपने नाम को स्थापित किया। सफलताओं के शिखर पर विराजमान होने के बावजूद उनके मन में अपने समाज के लिए, जरूरतमंद लोगों के लिए कुछ करने की जिजीविषा थी एक दृढ़ संकल्प था कि यदि ईश्वर ने हमें सामर्थ्य-शक्ति दी है तो समाज के प्रति भी मेरा उत्तरदायित्व है।

हम बात कर रहे हैं मशहूर समाजसेवी और नवरत्न फाउंडेशन्स के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव की। एक सफल उद्यमी एवं बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी एवं प्रखर समाजसेवी अशोक श्रीवास्तव ने साल 2002 में नवरत्न फाउंडेशन्स की शुरुआत की। जिसके बाद वो लगातार तमाम मुद्दों को लेकर एक जमीनी दृष्टिकोण से काम करते रहे जो आजतक निरंतर जारी है। टेन न्यूज की टीम ने अशोक श्रीवास्तव से उनकी जीवन यात्रा को लेकर, साहित्य एवं किताबों के प्रति उनके लगावों को लेकर, खेल एवं सिनेमा के विषय में खास बातचीत की। टेन न्यूज से बातचीत में अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि “किताबें बचपन से पढ़ते आ रहे हैं, कुछ शौक से तो कुछ मजबूरी में। आज हमें समझ आता है की किताबों को पढ़ने के क्या फायदे हैं । आज मैं जितना भी बोल रहा हूं, मोटिवेशनल क्लासेस लेता हूं, एंकरिंग करता हूं ये सब किताबों की ही देन है। कभी भी अपने दिमाग में किसी किताब को लेकर पूर्वाग्रह मत कीजिए की ये अच्छी नहीं है, जिसने ये किताब लिखी है उसके पास भी तो दिमाग होगा की उसने कुछ तो लिखा है । वो तो मेरे ऊपर निर्भर करता है की मैं क्या लू और क्या नहीं। मैंने साहित्य में काफी पढ़ा है , फिक्शन, नॉन फिक्शन , जीवनी मैं जरूर पढ़ता हूं। कई लोगों की जीवनी पढ़ा हूं जैसे विवेकानंद, राजेंद्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, सरोजनी नायडू, महादेवी वर्मा, आदि इन सभी को पढ़ कर ही तो पता चलेगा ये लोग कैसे इतना चमक रहे हैं। किताब को पढ़ने का सही तरीका है उसे हाथ में लेकर पढ़ना।”

आगे उन्होंने कहा कि “जिंदगी में मनोरंजन रोज की दिनचर्या में काफी अहम है, और सफलता में भी काफी योगदान रहा है। हर इंसान के जीवन में उसका एक पसंदीदा नृत्य और गाना जरूर होता है, जिसे वो कहीं ना कहीं गुनगुनाते रहता है। हमारे भारत में 80% लोग नृत्य करना जानते हैं लेकिन बस इसलिए नहीं करते की लोग क्या कहेंगे और ये नृत्य किसी के विवाह में जरूर निकलता है। गायन और नृत्य का बहुत महत्व है इन्ही से फिल्म बने है , इन्ही से थिएटर बने है । मैं फिल्मे देखता हूं लेकिन मैंने थिएटर और नाटक ज्यादा किए हैं। फिर पिता जी की मृत्यु के बाद मेरे ऊपर घर की कई ज़िम्मेदारी थी जिसकी वजह से मुझे सब छोड़ना पड़ा। मेरा मनोरंजन का साधन कोई एक तो नहीं है लेकिन मुझे बाते करना बहुत पसंद हैं। मेरे पसंदीदा अभिनेता अमिताभ बच्चन हैं मैं उनके अलावा और किसी को नहीं देखता और अभिनेत्री में मुझे मधुबाला बेहद पसंद हैं। अगर खेल की बात की जाए तो मुझे क्रिकेट और हॉकी बहुत पसंद हैं। हॉकी में मुझे चोट आ गई थी फिर मैं खेल नहीं पाया। बड़े बड़े लोग नेता- अभिनेता रात में खेलते हैं क्योंकि वो अपना शरीर को तंदरुस्त रखने के लिए खेलते हैं। मैं कपिलदेव को बहुत मानता हूं। वो बहुत फिट इंसान हैं मैने खुद बैंगलोर में उसके साथ एक मैच खेला है।”

टेन न्यूज से बातचीत में उन्होंने जीवन में खेल, साहित्य, सिनेमा और किताबों के महत्व को बखूबी समझाया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हमारी सफलता में इनका कितना अहम योगदान है। हम आशा करते हैं कि हमारे पाठकों को ये बातचीत काफी अच्छी लगी होगी।

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