चुनावी कुश्ती घोषित होने से पहले ही कूदे BJP नेता मैदान में | गौतमबुद्ध नगर लोक सभा क्षेत्र की विशेष रिपोर्ट

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (24 अगस्त 2023): एक कहावत ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत प्रचलित है ‘बेटा हुआ नहीं, मुंडन करवाने चले हैं।’ ऐसा ही कुछ आलम है उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र का, जहां एक सीट पर कई स्वघोषित प्रत्याशी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। जनपद में जागरूकता अभियान की बात हो, वृक्षारोपण की बात हो, खेल के विकास की बात हो, विकास कार्यों की बात हो या फिर बाढ़ जैसी भीषण आपदा हो डॉ महेश शर्मा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सदैव जनहित के कार्य में जुटे हैं और जनता के बीच हैं।

वहीं दूसरी तरफ है कुछ नेताओं का एक समूह जो चुनाव से लगभग आठ महीने पहले ही अपनी दावेदारी खुले आम पेश कर रहा है। बड़ी बात यह है कि एक ही पार्टी के एक ही लोकसभा सीट पर कई नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं जबकि पार्टी आलाकमान ने अबतक इस सीट या किसी भी लोकसभा सीट को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। अब ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी शीर्ष नेतृत्व , उत्तर प्रदेश नेतृत्व एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश का नेतृत्व के ढीलेपन के कारण इस क्षेत्र में कई स्वघोषित उम्मीदवार बन गए हैं। पार्टी का त्री स्तरीय प्रशासन आँख बंद कर राजनीतिक तमाशा देख रहे है । जबकि अभी चुनाव में लगभग आठ महीनों का समय बाकी है तो जरूरी यह है कि ये सभी नेता क्षेत्र में जनता के लिए और जनकल्याण के लिए कार्य करें।

कौन हैं ये स्वघोषित उम्मीदवार

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र में अगर हम उन स्वघोषित प्रत्याशियों की बात करें तो उसमें जो नाम निकलकर सामने आ रहे हैं, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह; उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्य मंत्री नवाब सिंह नागर; राज्य सभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर; बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल; और आईएएस अधिकारी बीएन सिंह का भी नाम है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने लोक सभा २०२४ – चुनाव के तारीख से दो वर्ष पहले ही स्वयं को संभावित सांसद प्रत्याशी अपने ट्विटर एवं सोशल मीडिया से घोषित कर दिया था। इस बात का तो यही मतलब हुआ कि एक चुनाव जीतने के तुरंत बाद ही दूसरे चुनाव में टिकट की तैयारी शुरू कर दी क्योंकि साल 2022 में ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हुआ मतदाताओं का मानना है कि जेवर विधान सभा से जीत हासिल के बाद धीरेंद्र सिंह संसदीय चुनाव की तैयारी में जुट गए थे।

हालाकि लोकतंत्र में सभी सियासी पार्टियों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की ये महात्वकांक्षा होती है कि वो विधायक, सांसद एवं अन्य लोकतांत्रिक पदों पर पहुंचे और सभी नेता अपने -अपने स्तर से अपनी पार्टियों में प्रयास भी करते हैं। लेकिन गौतमबुद्ध नगर लोक सभा क्षेत्र में चुनाव से दो वर्ष पहले ही जिस तरह से नेता सभा कर रहे हैं,और शीर्ष नेतृत्व के बिना सहमति के खुलेआम अपने नामों का एलान कर रहे हैं यह कितना उचित है?

पार्टी नेताओं के इस मनमर्जी से एक बात तो सीधा स्पष्ट है कि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व ढीला पड़ रहा है और अपने नेताओं में एकजुटता स्थापित करने में विफल साबित हो रहा है। इस बाबत टेन न्यूज नेटवर्क की टीम ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह एवं जनरल सेक्रेटरी धर्मपाल सिंह से संपर्क साधने का प्रयास किया है, फ़िलहाल आप के रिस्पांस की प्रतीक्षा है।।