क्या अपार्टमेंट ओनर्स एसोसियेशन एवं विलेज RWA भी फोनरवा के सदस्य बनने चाहिए। टेन न्यूज़ – अलाव पर चर्चा | Part 2

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नोएडा (12 जनवरी 2024): नोएडा में समाज कल्याण के कार्यों के लिए फोनरवा संस्था जानी जाती है। फोनरवा के द्वारा समय-समय पर विभिन्न सेक्टर के बीच आ रही समस्याओं को प्रशासन एवं प्राधिकरण के सामने रखा जाता है। इस संस्था के माध्यम से सेक्टरों के विकास में एक नए पंख लगे हैं। परंतु अब यह एक प्रश्न सामने आता है कि क्या ग्रामीण स्तर पर भी RWA बननी चाहिए और RWA के अध्यक्ष और महासचिव भी फोनरवा के सदस्य बनने चाहिए। इसी प्रकार सभी अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं महासचिव भी क्या फोनरवा के सदस्य बनने चाहिए इसको लेकर टेन न्यूज की टीम ने तमाम गणमान्य लोगों से बातचीत की।

ग्राम शहदरा के अजब सिंह भाटी कहते हैं कि यदि इस कार्य का क्रियान्वयन हो जाए तो यह बड़ी ही खुशी की बात होगी। अब गांव में प्रधानी के चुनाव नहीं होते हैं जिससे ग्रामीण विकास की जो तेजी होनी चाहिए वह नहीं हो पा रही है।

ग्राम शहदरा के गिरिराज शर्मा कहते हैं कि यदि इस प्रकार की संस्था ग्रामीण स्तर पर भी हो तो हमारी समस्याएं प्राधिकरण व प्रशासन के अधिकारियों तक पहुंच सकेंगी। प्रधानी के चुनाव खत्म होने के बाद हमारी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं रहा है।

हरौला के कालीचरण शर्मा कहते हैं कि गांव में RWA बननी चाहिए। यदि हमारे पास भी एक प्रतिनिधि होता तो वह हमारी समस्याओं को लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों तक पहुंच सकेगा। समस्याओं की सुनवाई हो सकेगी और कार्य का क्रियान्वयन हो सकेगा।

RWA सेक्टर 187 के अध्यक्ष कोशिंदर यादव का कहना है कि गांव हो या शहर प्रतिनिधि होना अत्यंत आवश्यक है। चूंकि पंचायत चुनाव खत्म होने की वजह से गांव का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं है। ग्रामीण स्तर की समस्याएं सक्षम अधिकारियों तक नहीं पहुंच पा रही है। अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन के अंतर्गत अपार्टमेंट को देखते हुए तमाम विकास के मुद्दे उठाए जाते रहे हैं परंतु ग्रामीण स्तर इससे अछूता रहा है।

RWA सेक्टर 22 H ब्लॉक के प्रेसिडेंट प्रदीप बोहरा का कहना है कि पंचायती चुनाव खत्म होने से ग्रामीण स्तर का विकास रुक गया है। और यदि वहां से पंचायती चुनाव खत्म किए गए तो वहां आरडब्ल्यूए का गठन किया जाना चाहिए था। हालांकि मैं अपार्टमेंट को इसमें शामिल करने से सहमत नहीं हूं क्योंकि उनकी समस्याएं और टर्म कुछ अलग है।

हालांकि इस विषय को लेकर एक मिला-जुला पक्ष हमारे सामने आया जिसमें कई लोगों का मानना है कि यह समावेशी विकास नोएडा के बेहतर विकास में अपने अहम भूमिका निभाएगा बल्कि कई लोगों का यह भी कहना रहा कि ग्रामीण और शहरी स्थल की समस्या अलग-अलग है इसीलिए हमें दोनों को अलग-अलग लेकर चलना होगा। इस विषय को लेकर आपके क्या विचार हैं कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें